... खबर पत्रवार्ता : जैविक खेती से करें मिट्टी का श्रृंगार,फसल चक्रण से उत्पादन होगा भरमार,आवारा गौवंश का सहारा बनें किसान रमनलाल साहू।

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खबर पत्रवार्ता : जैविक खेती से करें मिट्टी का श्रृंगार,फसल चक्रण से उत्पादन होगा भरमार,आवारा गौवंश का सहारा बनें किसान रमनलाल साहू।

 


रायपुर,टीम पत्रवार्ता,22 सितम्बर 2024

 जैविक खेती को बढ़ावा देने वाले धमतरी जिले के ग्राम गाड़ाडीह के किसान  रमन लाल साहू का सम्मान मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने विगत दिनों किया था।  साहू जैविक खेती कर मिट्टी की उर्वरकता बढ़ाने में महती भूमिका निभा रहे है,वही फसल चक्रण करके जल संरक्षण का काम भी कर रहे है।


  आज के आधुनिक दौर में खेती किसानी के काम को उतना महत्व नहीं दिया जाता है, जितना की सरकारी या किसी अन्य नौकरी को दिया जाता है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के साथ-साथ समर्थन मूल्य पर धान खरीदी ने लोगों को खेती किसानी की ओर मुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया है। प्रगतिशील किसान श्री रमनलाल साहू ने परम्परागत खेती को पीछे छोड़ आधुनिक खेती को अपनाया है। जैविक खेती को बढ़ावा देते हुए मृदा, जल एवं पर्यवरण संरक्षण की दिशा में भी सराहनीय काम किया है।  साहू बताते हैं कि विगत 8 सालों से वह 3 एकड़ से अधिक जमीन पर धान की जैविक खेती कर रहे हैं। जल संरक्षण की दिशा में रबी फसल में दलहन-तिलहन की खेती कर रहे हैं। इससे जमीन की उर्वरकता बढ़ने के साथ ही फसल का उत्पादन भी बढ़ा है।

  साहू बताते है कि किसान होने के साथ-साथ वह पशु मित्र भी है, उन्होंने गली-मोहल्लों में आवारा घूमने वाले गौवंश के लिए अपने खेत के समीप लगभग 25 डिस्मिल क्षेत्र में गौठान तैयार कर उनका संरक्षण कर रहे है। इन गौवंशो से प्राप्त होने वाले गोबर का उपयोग जैविक खेती करने में कर रहे हैं। वहीं दूध बेचकर हर माह 9 हजार रूपये की शुद्ध आमदनी भी प्राप्त कर रहे हैं। साहू ने यह भी बताया कि उन्होंने खेत में छोटा सा तालाब बनाया है, जिससे गौवंश के लिए पानी की व्यवस्था की है, वहीं क्रेडा की ओर से सोलर पैनल भी लगवाया है। इसके साथ ही गोबर गैस संयंत्र लगाकर गौवंश के लिए चारा की व्यवस्था करते हैं।

 रमनलाल साहू रासायनिक खेती के दुष्परिणामों के बारे में अन्य किसानों को अवगत कराते हुए जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। साथ ही अपने गौशाला से उत्पादित गोबर, गौ मूत्र को अपने खेतों में उपयोग करते हुए जहरमुक्त अन्न की पैदावार कर उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की व्यवस्था कर रहे हैं।

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