var OneSignal = window.OneSignal || []; OneSignal.push(function() { OneSignal.init({ appId: "4c041b5a-2b34-4b99-b9ef-d874ef8a0e55", }); }); खबर पत्रवार्ता : जिस पंचायत में दी सेवा, उसी पंचायत की निस्तारी जमीन पर किया कब्जा! ग्रामीणों में आक्रोश, सचिव दंपति ने उठाया प्रशासनिक शून्यता का फायदा।

खबर पत्रवार्ता : जिस पंचायत में दी सेवा, उसी पंचायत की निस्तारी जमीन पर किया कब्जा! ग्रामीणों में आक्रोश, सचिव दंपति ने उठाया प्रशासनिक शून्यता का फायदा।

 


जशपुर,टीम पत्रवार्ता,07 अगस्त 2025

सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग की एक और बानगी जशपुर जिले के ग्राम पंचायत छिछली अ से सामने आई है, जहां जनपद पंचायत बगीचा में पदस्थ सचिव दंपति जीवन मिंज और इम्ब्रेसिया मिंज पर पंचायत की लगभग एक एकड़ निस्तारी भूमि पर अवैध कब्जा कर निर्माण कार्य जारी रखने का गंभीर आरोप है।

इस जमीन पर ग्रामीण वर्षों से सामूहिक उपयोग के लिए फसल मिसाई, सार्वजनिक कार्यक्रम, व सामुदायिक कार्य करते रहे हैं। लेकिन अब इस भूमि पर निजी निर्माण होते देख ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है।

सामाजिक आक्रोश बनाम प्रशासनिक चुप्पी

स्थानीय लोगों के अनुसार, पहले इस पंचायत में इम्ब्रेसिया मिंज सचिव के रूप में पदस्थ थीं, और उसी दौरान उन्होंने ग्रामसभा का कथित रूप से फर्जी प्रस्ताव पारित कर इस भूमि को अपने नाम कराने का प्रयास किया था। हालांकि तात्कालीन सरपंच अनिमा प्रकाश मिंज और ग्रामीणों के विरोध के कारण वह योजना सफल नहीं हो सकी।

अब पुनः जब दोनों पति-पत्नी ने मिलकर निर्माण शुरू किया, तो ग्रामीणों ने एक बार फिर तहसील कार्यालय में आवेदन देकर निर्माण पर रोक लगाने की मांग की। नतीजतन 25 जून 2025 को तहसीलदार ने स्थगन आदेश जारी किया।

लेकिन तहसीलदारों की चल रही हड़ताल का लाभ उठाकर सचिव दंपति ने आदेशों को दरकिनार कर पुनः निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।

प्रशासन तक पहुंच रही है ग्रामीणों की आवाज?

गांव से एसडीएम और कलेक्टर कार्यालय की दूरी लगभग 70 किलोमीटर है, और यह क्षेत्र दूरस्थ होने के कारण ग्रामीण तकनीकी और प्रशासनिक पहुंच में पिछड़ते जा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद, दंपति न केवल आदेशों की अनदेखी कर रहे हैं, बल्कि अपनी दबंगई के बल पर निर्माण कार्य भी करवा रहे हैं।

एसडीएम की प्रतिक्रिया

बगीचा एसडीएम प्रदीप राठिया ने बताया कि यदि स्थगन आदेश का उल्लंघन किया गया है तो मामले की जांच करवाई जाएगी, और यदि सचिव दंपति दोषी पाए जाते हैं तो कार्यवाही के लिए मामला उच्च अधिकारियों को भेजा जाएगा।

क्या प्रशासन देगा जवाब?

यह मामला केवल एक पंचायत की जमीन पर कब्जे का नहीं बल्कि सुशासन का सुनियोजित मखौल है अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या शासन इन सचिव दंपति पर कठोर कार्यवाही करेगा या ग्रामीणों की आवाजें फिर से सरकारी गलियारों में अनसुनी रह जाएंगी?





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