... 9 PM ब्रेकिंग पत्रवार्ता : जिम्मेदार अधिकारियों से नहीं सम्हल रहा "DEO" कार्यालय......? शराबखोरी करते कैमरे में कैद हुए DEO के वाहन चालक समेत 6 कर्मचारी निलंबित,बड़ा सवाल..? "ऐसे कर्मचारियों से कैसे सुधरेगी जिले की शिक्षा व्यवस्था",कलेक्टर के निर्देशों का नहीं हुआ असर.....? जिले के आला जनप्रतिनिधियों ने साधी चुप्पी।

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9 PM ब्रेकिंग पत्रवार्ता : जिम्मेदार अधिकारियों से नहीं सम्हल रहा "DEO" कार्यालय......? शराबखोरी करते कैमरे में कैद हुए DEO के वाहन चालक समेत 6 कर्मचारी निलंबित,बड़ा सवाल..? "ऐसे कर्मचारियों से कैसे सुधरेगी जिले की शिक्षा व्यवस्था",कलेक्टर के निर्देशों का नहीं हुआ असर.....? जिले के आला जनप्रतिनिधियों ने साधी चुप्पी।

 


जशपुर,टीम पत्रवार्ता,09  जुलाई 2022 

BY  योगेश थवाईत 

जहाँ से पूरे जिले की शिक्षा व्यवस्था संचालित होती हैं उसी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कक्ष क्रमांक 04  स्थापना शाखा में कर्मचारियों की सामूहिक शराबखोरी ने समूचे शिक्षा तंत्र को कलंकित करते हुए जिला प्रशासन को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। उल्लेखनीय है कि जशपुर जिला कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल ने जिस दिन सभी विद्यालयों के शासकीय उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक लेकर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने एवं उनका सर्वांगीण विकास करने के दिए निर्देश दिए थे ठीक उसी दिन रात्रि लगभग 10  बजे के आसपास जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में ही वहां के कर्मचारी सामूहिक शराबखोरी कर अपनी खुमारी उतारते नजर आए।हांलाकि मामले में जिला कलेक्टर रितेश अग्रवाल के निर्देश पर तत्काल दोषी कमचारियों को निलंबित कर दिया गया है। 

देखिये वीडियो 

अब सबसे बड़ा सवाल यह  है कि रात्रि के 10 बजे यदि जिला शिक्षा अधिकारी का कार्यालय खुला है और उसमें वहां के कर्मचारी सामूहिक शराबखोरी में लिप्त पाए जाते हैं तो क्या उन्हें जिम्मेदार अधिकारी या यूँ कहें कि डीईओ ने खुली छूट दे रखी  है क्या जिससे वहां के कर्मचारी निरंकुश होकर सिविल सेवा आचरण संहिता का खुला उलंघन करते दिख रहे हैं। 

एक ओर जिले के ऊर्जावान कलेक्टर लगातार जिले की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने का हर संभव प्रयास करते नजर आ  रहे हैं वहीँ दूसरी ओर पुरे जिले की शिक्षा व्यवस्था के सतत सञ्चालन करने वाले डीईओ का अपने ही कार्यालय में नियंत्रण नहीं है इससे आप समझ सकते हैं कि जिले की शिक्षा व्यवस्था कितनी लचर है।


 आए दिनों जिले की शिक्षा अव्यवस्था सुर्ख़ियों में बनी रहती है कहीं बिना मापदंडों के फर्जी स्कुल संचालित हो रहे हैं,कहीं आरटीई के तहत बच्चों का एडमिशन नहीं हुआ है तो कहीं शिक्षक समय पर स्कुल नहीं पहुंच रहे और कहीं पंहुच गए तो उन्हें पढ़ाने का तरीका नहीं पता ऐसे तमाम मुद्दे हैं जिनपर लगातार जशपुर जिले का जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय सवालों के घेरे में बना रहता है हांलाकि ऐसे मुद्दों पर जब डीईओ से सवाल पूछने के लिए फोन लगाया जाता है तो वे कभी फोन उठाना भी जरुरी नहीं समझते।ऐसे में यही सवाल बार बार सामने आता है कि ऐसे गैर जिम्मेदाराना रवैये से जिले की शिक्षा व्यवस्था कैसे दुरुस्त होगी।

हद तो तब हो गई जब शुक्रवार की रात जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की स्थापना शाखा कक्ष में नरेंद्र कुमार भगत सहायक ग्रेड -02, रवि कुमार भगत सहायक ग्रेड -02,संजीत बरवा सहायक ग्रेड- 03, निर्मल कुमार भगत वाहन चालक,शिवनाथ राम चौकीदार एवं शिवराम भगत प्रधान पाठक प्राथमिक शाला सिंटोगा के द्वारा सामूहिक रुप से शराबखोरी की जा रही थी।

सबसे अहम बात यह कि कार्यालय के अंदर की जा रही शराबखोरी में निलंबित होने वाले कर्मचारियों में जिला शिक्षा अधिकारी का चालक भी शामिल है। इसक साथ ही कार्यालय के द्वितीय,तृतीय व् चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भी शामिल हैं।बताया जा रहा है कि उक्त कृत्य में संलिप्त प्रधान पाठक शिवराम भगत को विशेष सम्मान भी मिला हुआ है इसके बावजूद उनका यह कृत्य पुरे शिक्षा जगत को शर्मसार करने वाला है। 

जिला कलेक्टर रितेश अग्रवाल के निर्देशन में   जिला शिक्षा अधिकारी जेके प्रसाद ने  जिला शिक्षा कार्यालय में सामूहिक रूप से मद्यपान का सेवन करने वाले 6 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है।जिला शिक्षा कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार नरेंद्र कुमार भगत सहायक ग्रेड -02, रवि कुमार भगत सहायक ग्रेड -02, संजीत बरवा सहायक ग्रेड- 03,निर्मल कुमार भगत वाहन चालक,शिवनाथ राम चौकीदार एवं शिवराम भगत प्रधान पाठक प्राथमिक शाला सिंटोगा द्वारा विगत दिवस  कार्यालयीन कक्ष में  सामूहिक रूप से शराब का सेवन किया जाना प्रदर्शित हो रहा है। 

उक्त सभी कर्मचारियों द्वारा  मद्यपान का सेवन करना प्रथमदृष्ट्या सही पाया गया है। जिससे विभाग की छवि धूमिल हुई है।  संबंधितो का उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण नियम 1965 के नियम 03 एवं नियम 23 के सर्वथा विपरीत है, जो कदाचरण की श्रेणी में आता है।स हेतु  सम्बंधित कर्मचारियों को छ.ग. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में  उक्त सभी कर्मचारियों का मुख्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय   जशपुर  नियत किया गया है। निलंबन अवधि में उक्त कर्मचारियों को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

बहरहाल यह मामला तब सामने आया जब जिले के रिपोर्टर दीपक सिंह को सुचना मिली कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सामूहिक शराबखोरी चल रही है और यह कृत्य कैमरे में कैद हो गया।जब मामले  की जानकारी कलेक्टर को हुई तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की।  








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