... सरगुजा में बड़ा भ्रष्टाचार : "न हैंडपंप न पाईप" और हो गया फर्जी काम का मूल्यांकन,विभाग ने कर दिया करोड़ों का भुगतान,RTI से निकाली गई जानकारी,अब FIR दर्ज करने की मांग ...आयुक्त व् कलेक्टर से की गई मामले की शिकायत...

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सरगुजा में बड़ा भ्रष्टाचार : "न हैंडपंप न पाईप" और हो गया फर्जी काम का मूल्यांकन,विभाग ने कर दिया करोड़ों का भुगतान,RTI से निकाली गई जानकारी,अब FIR दर्ज करने की मांग ...आयुक्त व् कलेक्टर से की गई मामले की शिकायत...


अंबिकापुर,टीम पत्रवार्ता,10 जून 2021

BY योगेश थवाईत

इन दिनों छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के बड़े मामले सामने आ रहे हैं।जशपुर जिला अस्पताल में करोड़ों के फर्जीवाड़े की जाँच पूरी भी नहीं हुई कि अब सरगुजा के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में बड़ा घोटाला सामने आया है।आरटीआई कार्यकर्ता व वरिष्ठ अधिवक्ता डीके सोनी द्वारा सुचना के अधिकार के तहत निकाली गई जानकारी में करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है।अब मामले की शिकायत कलेक्टर सरगुजा सहित कमिश्नर सरगुजा एवं मुख्यमंत्री को करते हुए जाँच कर आपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाने की मांग की गई है।

राज्य सुचना आयोग से मिली जानकारी 

पत्रवार्ता को मिली जानकारी के अनुसार आरटीआई कार्यकर्ता डीके सोनी के द्वारा की गई शिकायत में बताया गया है कि कार्यालय कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खंड अंबिकापुर से सूचना के अधिकार के तहत वर्ष 2016-2017 एवं 2017-18 में खनित नलकूपों (हैंडपंप) के संबंध में जानकारी की मांग की गई थी। जिसे सूचना के अधिकार के तहत देने में जन सूचना अधिकारी को परेशानी हो रही थी क्योंकि उपरोक्त नलकूप खनन में काफी घोटाला किया गया था जिसके कारण चाही गई उपरोक्त जानकारी को प्राप्त करने हेतु माननीय राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाना पड़ा तब जाकर जानकारी प्रदान किया गया।

जानकारी में करोड़ों का भुगतान 

विभाग दी गई जानकारी में एक सूची प्रदान की गई जिसमें वर्ष 2016-17 एवं 17-18 में जितने भी नलकूप (हैंडपंप) खनन हुए हैं उसमें ग्राम का नाम, पंचायत का नाम, ब्लॉक एवं लोकेशन कहां पर खनन हुआ है तथा कैटेगिरी तथा कितनी गहराई खोदा गया है, केसिंग पाइप कितनी लगी है पीव्हीसी, जीआई की जानकारी, तथा कौन ड्राई हुआ की जानकारी के अलावा लागत राशि, स्टीमेट की राशि एवं भुगतान की राशि का उल्लेख किया गया है।

उक्त दस्तावेजों के आधार पर वर्ष 2016-17 में 34095239/- एवं वर्ष 2017-18 में 29583825/- दोनों वर्षों का कुल 63679064/- करोड़ रुपए का भुगतान कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग अंबिकापुर द्वारा बिना जांच पड़ताल किए किया गया है क्योंकि उक्त कार्य में इनकी भी मोटी कमीशन सेट था, क्योंकि जिस कार्य की सूची प्रदान की गई है जिसमें कुल वर्ष 2016-17 में 321 नलकूप (हैंडपंप) खनन बताया गया है तथा वर्ष 17-18 में 319 नलकूप खनन होना बताया गया है तथा दोनों वर्ष का कुल 640 नलकूप खनन होना बताया गया है।

जबकि वास्तव में विभाग द्वारा 640 नलकूप का खनन नहीं किया गया है इसमें बहुत से नलकूप हुए ही नहीं है और मौके पर भी नहीं है तथा कुछ मौके पर हैं तो उसमें जितने का गहराई बताया जा रहा है उतनी गहराई तक की खुदाई इनके द्वारा नहीं किया गया है तथा कम खुदाई कर उसमें ज्यादा का बिल लगाकर राशि निकाल ली गई है, इसके अलावा गलत केसिंग का भी उल्लेख कर उसका भी बिल वाउचर लगाकर उसकी भी राशि निकाल ली गई है जहां पर केसिंग कम लगा वहां पर केसिंग ज्यादा फीट दर्शा कर राशि निकाली गई है।

भौतिक सत्यापन की मांग 

इसमें सबसे बड़ी बात यह भी है कि कुछ नलकूप दूसरे योजनाओं से एवं अन्य विभागों द्वारा खनन कराया जाता है उसी नलकूप का अपने विभाग द्वारा खनन बताकर उसका बिल वाउचर लगाकर विभाग द्वारा उसकी राशि निकाली गई है, जिसका मौके पर भौतिक सत्यापन किया जाना आवश्यक है ।विभाग द्वारा जितनी संख्या में नलकूप (हैंडपंप) का खनन बताया जा रहा है उतना का खनन नहीं किया गया है जिसका भी भौतिक सत्यापन शिकायतकर्ता के साथ मौके पर कराने से स्थिति साफ हो जाएगी क्योंकि विभाग द्वारा 640 में से ज्यादा से ज्यादा 200-300 ही खनन कराया गया है बाकी नलकूप (हैंडपंप) खनन के फर्जी बिल वाउचर अपने लोगों का बनाकर पूरी राशि निकाल ली गई है इसलिए उपरोक्त सभी 640 नलकूप (हैंडपंप) का भौतिक सत्यापन शिकायतकर्ता के समक्ष किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराया जाना आवश्यक है।

बिना इंजीनियर के हस्ताक्षर हो गया भुगतान 

कार्यालय कार्यपालन अभियंता लो० स्वा० या० विभाग खंड अंबिकापुर द्वारा जो मेजरमेंट हैंडपंप नलकूप खनन के संबंध में तैयार किया गया है वह फर्जी तरीके से तैयार किया गया है उदाहरण स्वरूप सूचना के अधिकार के माध्यम से प्राप्त कुछ मेजरमेंट की फोटोप्रति इस शिकायत के साथ संलग्न है, जिसमें असिस्टेंट इंजीनियर के हस्ताक्षर भी नहीं है और पूरी राशि का भी भुगतान हो चुका है।शासकीय विभाग द्वारा अगर कोई भी सामग्री क्रय की जाती है तो सीएसआईडीसी में पंजीकृत विक्रेता के माध्यम से क्रय कराया जाता है या भंडार क्रय अधिनियम के तहत क्रय किया जाता है लेकिन उपरोक्त नलकूप (हैंडपंप) के सामानों को क्रय करने हेतु किसी तरह से भंडार क्रय नियम का पालन नहीं किया गया है और अपने अधिकारियों कर्मचारियों के माध्यम से उक्त कार्य के सामग्रियों का बिल वाउचर लगाकर पूरी राशि निकाल ली गई है।

ड्राई हैंडपंप पर भी केसिंग का कारनामा

इसके अलावा जो हैंडपंप खनन हुआ है उसमें कई हैंडपंप नलकूप ड्राई हो गए है उसकी भी राशि का भुगतान केसिंग के साथ हुआ है, अगर नियमत कोई भी नलकूप ड्राई होता है तो उसमें केसिंग नहीं लगाई जाती है सिर्फ खनन की राशि का ही भुगतान होता है लेकिन यहां पर अधिकारियों से मिलीभगत कर ड्राई वाले नलकूप खनन में केसिंग की राशि एवं अन्य राशियों का भी भुगतान फर्जी तरीके से मेजरमेंट करके भुगतान किया गया है। 



वर्तमान में बहुत से ऐसे स्थान है जहां पर हैंडपंप नहीं होने से ग्रामीण ढोंढी का पानी पीने को मजबूर हैं और उनके नाम से आए हैंडपंप को फर्जी तरीके से कागजों में खोद कर अधिकारीगण अपनी जेब गरम करने में लगे हैं।अब देखना होगा कि डीके सोनी की शिकायत पर शासन प्रशासन क्या कार्यवाही करती है। 


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