सरगुजा/बतौली, टीम पत्रवार्ता,09 अक्टूबर 2025
गायत्री परिवार सरगुजा बतौली के द्वारा गायत्री आश्रम भटको में गायत्री परिवार के जन्मशताब्दी वर्ष के निमित्त गायत्री परिवार के कार्यकर्ताओं की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।उक्त कार्यशाला को छत्तीसगढ़ युवा प्रकोष्ठ के प्रांतीय संयोजक ओम प्रकाश राठौर एवं उपजोन समन्वयक एसजे द्विवेदी ने संबोधित किया।बिगुल बज गया महाक्रांति का वीरों शौर्य दिखाना है जैसे ओज पूर्ण प्रज्ञा गीत के माध्यम से विमल रजक की टोली ने कार्यक्रम की शुरुआत की।
उल्लेखनीय है कि शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में आगामी वर्ष 2026 को वंदनीया माताजी एवं अखंड दीप प्राकट्य की जन्मशताब्दी वर्ष के रुप में मनाया जा रहा है।इस संबंध में छत्तीसगढ़ युवा प्रकोष्ठ के प्रांतीय संयोजक ओम प्रकाश राठौर ने बताया कि गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जब तप के लिए हिमालय गमन करते थे तब माताजी शिव की शक्ति के रुप में युग निर्माण के कार्य को आगे बढ़ाती रहीं।
गुरुदेव के सूक्ष्म स्थिति में जाने के बाद माताजी ने शपथ समारोह के माध्यम से सभी परिजनों को एकजुट किया और पूरे देश में 26 अश्वमेध यज्ञ की श्रृंखला के माध्यम से जन जागरण का कार्य किया।जीवन के महाबसंत के बारे में उन्होंने बताया कि परम पूज्य गुरुदेव के जीवन में दादागुरु का आगमन बसंत पर्व में हुआ और उस दिन उन्हें उनके गुरु ने उनको आत्मसाक्षात्कार कराया।
उस दिन गुरुदेव ने अपने गुरु को अपना सारा जीवन समर्पित कर दिया जिनके सान्निध्य में परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने 24 लाख गायत्री मंत्र के 24 महापुरश्चरण की साधना 24 वर्षों में पूर्ण की।उन्होंने बताया कि भगवान को निर्मल उदार हृदय ही प्रिय होते हैं।आज हमारे जीवन में बसंत लाने का समय है।जब जीवन में नव बसंत का आगमन होगा नव उल्लास पल्लवित होगी और हमारे जीवन का प्रत्येक दिन बसंत का होगा।गुरु के प्रति समर्पण के साथ हम सभी ऐसा कार्य करें कि हम सबके जीवन में नव बसंत आ जाए।
आज समय की महत्वपूर्ण मांग है कि हम अपने चरित्र अपने स्वभाव से श्रेष्ठ आचरण का उदाहरण बनें।हम सुधरेंगे तो युग सुधरेगा इस सूत्र को अपने जीवन का अभिन्न अंग बना लें और प्रयास शुरु करें।हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन गांवों तक पहुंचे जहां परम पूज्य गुरुदेव के विचार नहीं पहुंचे हैं।ग्राम तीर्थ प्रवज्या के माध्यम से गुरुदेव का संदेश लेकर हम गांव गांव तक पहुंचे और माताजी की जन्मशताब्दी में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करें।गुरुदेव की जनस्थली जितेंद्र जी ने बताया गुरुसत्ता की योजना युग निर्माण की है।इसके लिए युग का आमूलचूल परिवर्तन आवश्यक है।
व्यक्तियों के चिंतन विचारों को बदलने के बाद उसके चरित्र के बदलाव की शुरुआत होगी,धरती का शोषण नहीं उसका पोषण होगा,देश को अपनी मां मानकर व्यक्ति उसकी सेवा करेगा,पूरे विश्व को आप परिवार मानेंगे।दुनिया के सभी संगठनों से भिन्न गायत्री परिवार है।गायत्री महाविद्या का चमत्कार यह है कि आप सेवाभावी हैं,सहिष्णु हैं आपमें युग परिवर्तन की ललक है।मनुष्य में देवत्व को जगाने का प्रयास है।जबतक लेने का भाव रहेगा अस्थिरता बनी रहेगी जब देने का भाव आ जाएगा तो व्यक्ति देवता बन जाएगा।
उन्होंने बताया कि गायत्री मंत्र जपने वाला सूर्य के समान देने वाला होता है वह सतत सद्विचारों को बिखेरता है। सद्कार्यों से अपना व दूसरों का जीवन संवारने का काम करता है।गुरुदेव के काम में मन नहीं लग रहा तो हर कार्यकर्ता को चिंता करने की आवश्यकता है इसके साथ चिंतन यह करें कि कैसे समय निकालकर गुरु का कार्य करें।एक एक क्षण हमारा व्यस्त होना चाहिए जिससे गांव गांव घर में जागृति आएगी और जन जन में सद्भाव सद्विचार का प्रस्फुरण होगा।
इसी तारतम्य में गायत्री आश्रम भटको में विगत 4 अक्टूबर से प्राकृतिक चिकित्सा शिविर चल रही है जिसमें शिविरार्थी स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।गायत्री परिवार से नंदकिशोर गोस्वामी, जितेंद्र जी,अरविंद गोयल,रमेश गुप्ता,हरिप्रसाद यादव समेत अन्य परिजनों ने उक्त कार्यशाला में विशेष सहयोग दिया।युगशिल्पी प्रज्ञापुत्र मोती यादव,टंकेश्वर प्रधान,भूपेंद्र कुमार,विलासन पैंकरा समेत अन्य परिजनों का तिलक लगाकर सम्मान किया गया।
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