... खबर पत्रवार्ता : रामायण के सच्चे साधक थे स्वर्गीय चंद्रभान पुरी, बगीचा म्यूजिकल ग्रुप समेत क्षेत्रवासियों ने दी संगीतमय श्रद्धांजलि।

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खबर पत्रवार्ता : रामायण के सच्चे साधक थे स्वर्गीय चंद्रभान पुरी, बगीचा म्यूजिकल ग्रुप समेत क्षेत्रवासियों ने दी संगीतमय श्रद्धांजलि।

 


सूरजपुर/मांजा, टीम पत्रवार्ता, 20 सितंबर 2025

सूरजपुर जिले के मांजा गांव के दिग्दर्शक, कला के मर्मज्ञ और तबला वादन के विशेषज्ञ स्वर्गीय चंद्रभान पुरी को बगीचा म्यूजिकल ग्रुप समेत अंचल के सुर साधकों और क्षेत्रवासियों ने संगीतमय श्रद्धांजलि दी।

पुरी जी का जन्म 7 दिसंबर 1948 को हुआ था और गत 6 सितंबर 2025 को उन्होंने बैकुंठलोक गमन किया। वे बगीचा के रामकृष्ण आश्रम में संगीत शिक्षक अवधेश पुरी के पिता थे। श्रद्धांजलि कार्यक्रम उनके गृह ग्राम मांजा में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में उपस्थित श्री महेंद्र जी ने कहा

“वे कला के गहन ज्ञाता और तबले के दक्ष विशेषज्ञ थे। ऊर्जा के रूप में वे हमेशा हमारे बीच विद्यमान रहेंगे। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें सद्गति मिले।”

स्वर्गीय पुरी जी ने संगीत, मंचन और व्यासपीठ को नई दिशा दी। जब तक स्वस्थ रहे, वे ढोल, कोरस और मानस टीका में सक्रिय रहे। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन प्रभु श्रीराम की भक्ति और रामायण के आदर्शों को आत्मसात करने में समर्पित किया।

मानस मित्र सोनी जी ने कहा

“स्वर्गीय पुरी जी रामायण के सच्चे साधक थे। वे हमें यह सिखाते हैं कि मृत्यु को अमर बनाने के लिए ही जीवन मिला है। जीवन मूल्यों का सदुपयोग कर मृत्यु के बाद भी अमर हुआ जा सकता है। आज वे हर दिल में अमर बने हुए हैं।”

श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित मानस साधकों ने कहा

“जैसे प्रभु श्रीराम शबरी की कुटिया में गए थे, वैसे ही आज हम सब मानस प्रेमी पुरी जी की कुटिया में पहुंचे हैं। यह हमारा सौभाग्य है।”

सभा में यह भी कहा गया कि देवेंद्र पुरी और अवधेश पुरी जैसे सुपुत्र अपने पिता की अमूल्य विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।

कबीर की वाणी का स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि सभा में पंक्तियां सुनाई गईं।

“कबीरा यह जग कुछ नहीं, खिन खारा खन मीठ।

काली जो देखा मंडपै, आज मसाने देख॥”

रुंधे गले और द्रवित आंखों से उपस्थित लोगों ने अंतिम विदाई दी और संकल्प लिया कि स्वर्गीय पुरी जी के संस्कार और ज्ञान को मानस के रूप में सतत जीवित रखा जाएगा।

श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भावपूर्ण संगीत प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर बगीचा म्यूजिकल ग्रुप के उदय प्रकाश पांडेय, उमेश गृही, योगेश थवाईत, रमेश उपाध्याय, धीरसाय प्रजापति, जीतनारायण यादव और श्री गिरी जी सहित अनेक कलाकार उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में स्वर्गीय पुरी जी के सुपुत्र अवधेश पुरी ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।

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