जशपुर, टीम पत्रवार्ता ,20 अगस्त 2025
जशपुर जिले की राजनीति से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मामला मंगलवार को न्यायालय में समाप्त हुआ। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्रीमती सरोजनी जनार्दन खरे की अदालत ने विधायक रायमुनि भगत के विरुद्ध दायर परिवाद को खारिज कर दिया है। यह परिवाद ईसाई समाज के हेरमोन कुजूर एवं अन्य व्यक्तियों द्वारा दायर किया गया था।
मामला कैसे शुरू हुआ?
वर्ष 2024 में जशपुर जिले के ढेंगनी गांव में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान विधायक रायमुनि भगत का भाषण दिया गया था।इस भाषण को कुछ लोगों ने आपत्तिजनक बताया और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।इसके बाद ईसाई समाज से जुड़े कुछ व्यक्तियों, जिनमें हेरमोन कुजूर भी शामिल थे, ने आहत होकर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जशपुर के समक्ष परिवाद दायर किया।
परिवाद में यह मांग की गई थी कि विधायक रायमुनि भगत के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता बीएनएस की धारा 196, 299, 302 और आईटी एक्ट की धारा 66,के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए।
परिवाद दायर होने पर न्यायालय ने विधायक रायमुनि भगत को विधिवत नोटिस भेजा।नोटिस मिलने के बाद रायमुनि भगत स्वयं अदालत में उपस्थित हुईं और अपना पक्ष रखा।उनकी ओर से अधिवक्ता सत्यप्रकाश तिवारी ने तर्क दिया कि ऐसे मामलों में बिना राज्य अथवा केंद्र सरकार की अनुमति के अपराधों पर संज्ञान नहीं लिया जा सकता।
विधायक रायमुनि भगत की ओर से वकील सत्यप्रकाश तिवारी ने यह भी कहा कि परिवाद में शासन का कोई आदेश प्रस्तुत नहीं है, जिसके कारण यह परिवाद विधि विरुद्ध है।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्रीमती सरोजनी जनार्दन खरे ने परिवाद को खारिज करते हुए कहा कि बिना शासन की अनुमति ऐसे मामलों पर संज्ञान नहीं लिया जा सकता।परिवाद में विधिक आधार की कमी है।
इस प्रकार विधायक रायमुनि भगत के खिलाफ चल रहा यह प्रकरण न्यायालय में समाप्त हो गया।
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