... खबर पत्रवार्ता : प्रभारी प्राचार्या रोस लिली बड़ा ने शारीरिक मानसिक उत्पीड़न के आरोपों का किया खंडन कहा सभी आरोप निराधार।


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खबर पत्रवार्ता : प्रभारी प्राचार्या रोस लिली बड़ा ने शारीरिक मानसिक उत्पीड़न के आरोपों का किया खंडन कहा सभी आरोप निराधार।

रामानुजगंज,टीम पत्रवार्ता,24 अप्रैल 2025

शासकीय महाविद्यालय लरंगसाय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामानुजगंज में पदस्थ अतिथि व्याख्याता गरिमा लकड़ा व सहायक क्रीडा अधिकारी उर्मिला लहरे द्वारा यहां की प्रभारी प्राचार्य श्रीमती रोस लिली बड़ा एवं सहायक प्राध्यापक रमेश कुमार खैरवार पर मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न,वेतन कटौती जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री समेत उच्च शिक्षा विभाग के सचिव से लिखित शिकायत की गई है।

उक्त मामले में खबर सामने आने के बाद महाविद्यालय की प्राचार्या ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए उन पर लगे सभी आरोपों का खंडन किया है।उन्होंने जारी किए गए विज्ञप्ति में बताया है कि उन पर जो भी आरोप लगे हैं वे निराधार एवं निंदनीय हैं।

आरोपों का बिंदुवार खण्डन करते हुए उन्होंने प्रेस नोट में बताया है कि मुझ पर जो आरोप लगे हैं। उसमे पहला आरोप है व्यक्तिगत टिप्पणी करना चूंकि मैं भी एक महिला हूं तो मुझे पता है कि एक महिला की इज्जत और अस्मिता क्या होती है मैं कभी किसी भी स्टॉफ के व्यक्तिगत जीवन, शारीरिक बनावट और वेशभूषा पर कोई टिप्पणी नहीं की हूँ।

मुझ पर जो दूसरा आरोप लगा है वह है नौकरो की तरह बर्ताव करना चूंकि हम सभी सरकार के अधीन कार्य करते हैं। मैने प्रशासनिक पद पर रहते हुए जिस प्रकार एक प्रशासनिक व्यक्ति का व्यवहार होना चाहिए। उसी व्यवहार के अनुरूप कार्य करने का प्रयास किया हैं और मुझे नहीं लगता कि मैने किसी भी व्यक्ति के साथ व्यक्तिगत नौकर की तरह व्यवहार किया है।।

अगर परीक्षा जैसे महत्वपूर्ण कार्य में बिना बताए जानबुझकर अनुपस्थित रहें है। उसका कारण बताएं ये पुछना व्यक्तिगत नौकर की तरह बर्ताव करना है तो ये अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही को दर्शाता है और रही बात उनके बैठने के स्थान परिवर्तन से तो सुश्री गरिमा लकड़ा जहां बैठ रही थी वो भी महाविद्यालय के आंतरिक व्यवस्था के तहत थी जिसे महाविद्यालय के सामान्य बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय के तहत परिवर्तन किया गया था,जिसमे उसकी सहमती भी ली गई थी।

तीसरा आरोप है षडयंत्र पूर्वक वेतन कटौती करना,वेतन का निर्धारण अतिथि व्याख्याता नीति 2024 के मानदेय कंडिका 10 के अन्तर्गत दिए बिन्दु के आधार पर किया जाता है उसमें स्पष्ट लिखा गया है कि अतिथि व्याख्याता, अतिथि शिक्षण सहायक के वेतन के निर्धारण कालखण्ड के आधार पर व अतिथि क्रीड़ा अधिकारी को वेतन निर्धारण कार्यदिवस के आधार पर होता है। 

तो इसमें किसी भी प्रकार का संदेह नहीं बनता। अगर आप उस दिवस में भी अपनी डायरी में कक्षा दर्शायेगें जिस दिन उन कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं चल रही है तो उस दिन वेतन किसी को भी कैसे मिल सकता है।शासन के बनाए नियम के मुताबिक हम सब को काम करना होगा इसके लिए हम सभी बाध्य हैं।

रही बात धमकी की तो आज तक मैनें किसी को भी धमकी / कारण बताओं नोटिस नही दिया है।उन्होंने शासन से निवेदन करते हुए कहा है कि उक्त मामले की निष्पक्ष जांच की जाए।अब देखना होगा कि उक्त मामले में शासन प्रशासन कब तक जांच करती है।



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