... Exclusive इंटरव्यू : पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने हर सवाल का जवाब दिया बेबाकी से,कहा समझदार कांग्रेसी अपनी छवि अपने अस्तित्व अपने स्वाभिमान के लिए परेशान हैं,जशपुर विधायक नहीं बल्कि इनसे है बीजेपी को खतरा,चुनावी रणनीति पर दो टूक जवाब "मोदी और हिंदुत्व" का मुद्दा ही काम करेगा,पुनःनक्सलवाद की सुगबुगाहट बदलाव लेकर आएगी,कांग्रेस की व्यक्तिवादी छवि भाजपा के सामने टिक नहीं पाएगी,संगठन और उम्मीदवारी पर भी तगड़ा जवाब...? निःस्वार्थ होकर हिंदुत्व की रक्षा के लिए जनजातीय समाज को एकजुट करके रखना उनकी पहली प्राथमिकता,और भी कई सवाल पूरी खबर सिर्फ पत्रवार्ता पर योगेश थवाईत के साथ।

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Exclusive इंटरव्यू : पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने हर सवाल का जवाब दिया बेबाकी से,कहा समझदार कांग्रेसी अपनी छवि अपने अस्तित्व अपने स्वाभिमान के लिए परेशान हैं,जशपुर विधायक नहीं बल्कि इनसे है बीजेपी को खतरा,चुनावी रणनीति पर दो टूक जवाब "मोदी और हिंदुत्व" का मुद्दा ही काम करेगा,पुनःनक्सलवाद की सुगबुगाहट बदलाव लेकर आएगी,कांग्रेस की व्यक्तिवादी छवि भाजपा के सामने टिक नहीं पाएगी,संगठन और उम्मीदवारी पर भी तगड़ा जवाब...? निःस्वार्थ होकर हिंदुत्व की रक्षा के लिए जनजातीय समाज को एकजुट करके रखना उनकी पहली प्राथमिकता,और भी कई सवाल पूरी खबर सिर्फ पत्रवार्ता पर योगेश थवाईत के साथ।

जशपुर, टीम पत्रवार्ता,11 अगस्त 2023

BY योगेश थवाईत

बचपन से कल्याण आश्रम के सेवा प्रकल्पों को अपने जीवन का आधार बनाकर हिंदुत्व के साथ वनवासियों,आदिवासियों के उत्थान और हितरक्षा के लिए अपना सर्वस्व समर्पित करने वाले सख्स गणेश राम भगत आज अखिल भारतीय जनजातीय सुरक्षा मंच के माध्यम से पूरे देश में संघर्षरत हैं।लगभग 40 वर्षों के राजनैतिक अनुभव के साथ ब्यूरोक्रेट्स में आज भी उनकी अच्छी पकड़ है।हर मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय रखना उनको और भी खास बनाता है।आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पूर्व मंत्री गणेश राम भगत से खास बातचीत.....

एक नजर डालें पूर्व मंत्री गणेश राम भगत के राजनैतिक और सामाजिक जीवन पर तो गणेश राम भगत भाजपा से 6 बार के विधायक और 2003 से 2008 तक भाजपा की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।हमने जब कई मुद्दों पर उनसे बात की तो देखिए किस बेबाकी से उन्होंने दिया जवाब।

सवाल : आगामी विधानसभा को लेकर जशपुर जिले में आपकी क्या रणनीति बन रही है ?

जवाब - रणनीति बनाना संगठन का काम है।हम बचपन से आरएसएस के कार्यकर्ता बनकर कार्य कर रहे हैं।वनवासियों,आदिवासियों के उत्थान के साथ हिंदुत्व की रक्षा के लिए आजीवन संघर्ष करते रहेंगे।

सवाल : एक पढ़ा लिखा वर्तमान विधायक विनय भगत आज बीजेपी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है आपके 35 वर्षों के कार्यकाल में कुछ कमी महसूस हुई आपको,बीजेपी ने इस पर कभी क्यों नहीं सोचा?

जवाब : ये केवल हवा बनाने का प्रयास है ऐसा कुछ भी नहीँ है।भाजपा हर मोर्चे पर मुस्तैद है हर स्तर पर रणनीति बन रही है।यहां जनहित से जुड़े मामलों में व्याप्त भ्रष्टाचार,कांग्रेस संगठन में कार्यकर्ताओं का असंतोष भाजपा के लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा।35 वर्षों में गांव गांव तक चमचमाती सड़क,स्कूल,छात्रावास,आश्रम,अस्पताल भाजपा शासन की ही देन है।

सवाल : जशपुर की सभी सीटों पर भाजपा से बहुत सारे दावेदार हैं उम्मीदवारी के लिए ऐसे में सभी को कैसे संतुष्ट कर पाएगी पार्टी.?

जवाब : संगठन को इस पर गहन चिंतन करना होगा।पिछली बार सामाजिक एकजुटता पर पार्टी ने काम नहीं किया जिसके कारण बड़ा नुकसान हुआ।भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है हर किसी को अपनी योग्यता सिद्ध करने का अवसर मिलता है।वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए संगठन का निर्णय सभी को मानना होगा एकजुट होकर ही तीनों विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर सकते हैं।

सवाल :भीतरघात से संगठन को कितना नुकसान होगा,आगामी चुनाव में इसका असर किसपर होगा.?

जवाब : चुनाव में ये सब चलता रहता है।दोनों ही पार्टियों में इसकी आशंका बनी रहती है।घर परिवार में सभी संतुष्ट नहीं होते पर प्रयास करना होता है सामंजस्य बनाने का।इसके बावजूद यदि ऐसी परिस्थिति आती है तो उसका असर चुनाव परिणाम पर नहीं पड़ेगा क्योंकि यदि भितरघात हुआ तो वह दोनों दलों में बराबर होगा।क्योंकि भाजपा से ज्यादा असंतुष्ट कांग्रेस में हैं जो अपने अस्तिव की लड़ाई लड़ रहे हैं।

सवाल : आप लगातार सत्ता में रहे,अचानक जशपुर से बदलकर आपको सीतापुर से टिकट दिया गया जहां मात्र डेढ़ हजार वोट से आपको हार मिली इसे किस रुप में देखते हैं ?

जवाब : मैंने पहले बताया कि भाजपा अनुशासित पार्टी है मुझे जो आदेश मिला उसके तहत मैंने सीतापुर में अथक संघर्ष किया कांग्रेस की जड़ें तो हिल गई।यह हार भले ही राजनैतिक रही लेकीन सामाजिक लोक उत्थान का कार्य अब भी कर रहा हूँ।हार के बाद भी निःस्वार्थ भाव से समाज के लिए ,हिंदुत्व के लिए, अपने आदिवासी वनवासी समाज के लिए सतत कार्य कर रहा हूं,राजनीति का इससे कोई जुड़ाव नहीँ।

सवाल : जशपुर से डिलिस्टिंग की मांग आपने उठाई अब देश के कई हिस्सों में इसे लेकर आवाज बुलंद की जा रही है। भाजपा के अलावा अन्य दल के लोग इसपर खामोश क्यों हैं.?

जवाब : डिलिस्टिंग महत्वपूर्ण विषय है जो धर्मांतरित ईसाइयों को आरक्षण व अन्य अधिकारों का घोर विरोध करता है।मिशनरीज कांग्रेस के बड़े वोट बैंक हैं ऐसे में कांग्रेस तो कभी इस पर नहीं बोलेगी।

सवाल : क्या जशपुर जिले में फिर से भाजपा की वापसी होगी.?यदि ऐसा हुआ तो स्वरुप क्या होगा..? कॉंग्रेस के आने से क्या बदलाव हुआ.?

जवाब : जशपुर, सरगुजा ऐसा क्षेत्र हैं जहां केवल हिन्दू व मिशनरी के बीच चुनाव होता है।इस बार भी यहां केवल मोदी और हिंदुत्व का मुदा ही होगा।सामाजिक एकजुटता बनी हुई है और इसी दम पर फिर से यहां बीजेपी की वापसी होगी।जशपुर जिले में अगर कांग्रेस फिर से वापसी करती है तो जशपुर जिला भाजपा के हाथ से निकल जायेगा,यहां नक्सलवाद बढ़ेगा वहीं जशपुर जिला असामाजिक तत्वों का गढ़ बन जायेगा क्षेत्र अशांत होगा।शांत वातावरण बनाने में फिर कई वर्ष गुजर जाएंगे।कांग्रेस के साढ़े चार साल में नक्सलवाद तेजी से बढ़ा है।

सवाल : आपने कांग्रेस नेता ब्लासियूस एक्का समेत अन्य नेताओं के साथ राजनीति शुरु की कांग्रेस को बहुत करीब से देखा तब और अब के कांग्रेस में कितना अंतर पाते हैं ?

जवाब : पहले के कांग्रेसी नेता राजनीति में आक्रामक रहते थे सामाजिक जीवन में हर किसी से आपसी संबंध प्रगाढ़ हुआ करता था।इस वक्त वह कांग्रेस नहीं बल्कि व्यक्तिवाद ही कांग्रेस की पहचान है।यहां के दोनों विधायकों के अलावा कुछ अगल बगल घूमने वाले ही कांग्रेसी बचे हैं।आज के कांग्रेस में असंतोष कूट कूट कर भरा है कार्यकर्ता प्रताड़ित हैं वे अपने स्वाभिमान को बचाने में लगे हैं।

सवाल : हाल फिलहाल में जशपुर जिले के भाजपाई कांग्रेस में प्रवेश कर रहे हैं,क्या पार्टी उनको नजरअंदाज कर रही है ? 

जवाब : थोड़े बहुत लोभ लालच और अनुदान के चक्कर में लोग कांग्रेस में जा रहे परंतु अंदर से सब एक हैं।ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले सभी लोग एकजुट हैं टूटेंगे नहीं। कुछ लोग जरूर आज कांग्रेस में रुचि दिखा रहे हैं पर वह समय आने पर वापस हिंदुत्व की रक्षा के लिए खड़े दिखेंगे।स्वतः सभी वापस एक मंच पर दिखेंगे समय आने पर वातावरण बदलेगा।

सवाल : भाजपा में गुटबाजी और फुट का लाभ कांग्रेस को मिला था इस बार मतदाता बीजेपी पर भरोसा क्यों करेंगे ?

जवाब : भाजपा एकजुट है और एकजुटता के साथ चुनाव लड़ कर जीत हासिल करेगी।जनता पिछले बार बदलाव चाहती थी लेकिन इस बार कांग्रेस की कार्यप्रणाली के कारण जनता फिर से बदलाव के मूड में है। पीडीएस, नरवा घुरवा बाड़ी सहित अन्य कई योजनाओं के कारण आज ग्रामीण मतदाता कांग्रेस से बदलाव के मूड में है।यहां कांग्रेस का विधायक खुद अपने आप में मुख्यमंत्री है यहां विधायक के इशारे पर ब्यूरोक्रेशी नाच रहा है।ऐसा सरकार हमने नहीं देखा है।

सवाल : कांग्रेस के 19 विधायकों की टिकट खतरे में है,जशपुर व कुनकुरी विधायक की टिकट भी खतरे में नजर आ रही है।यदि कॉंग्रेस ने दूसरे को मौका दिया तो भाजपा को कितना लाभ होगा ? 

जवाब : कॉंग्रेस का प्रत्याशी कोई भी हो उससे फर्क नहीं पड़ेगा भाजपा हिंदुत्व के मुद्दे पर अडिग है।कभी कोई जनेऊ पहनकर हिंदुत्व का दिखावा करता है कभी कोई कमीशन लेकर मंदिर बनवाकर भी हिंदुत्व का ढोंग करता है।ये पब्लिक है सब जानती है।वक्त आने पर मुकम्मल जवाब मिलेगा उनको जो केवल पाखंड कर रहे हैं।

सवाल : यदि जशपुर विधानसभा में भाजपा का मुकाबला विनय भगत से हो या फिर कांग्रेस प्रत्याशी बदलती है ।जैसे सुगबुगाहट है कि फुलकेरिया भगत (प्रदेश महामंत्री कांग्रेस) भी प्रत्याशी की दौड़ में हैं तो चुनाव कैसा होगा..?

जवाब : वर्तमान विधायक विनय भगत के प्रत्याशी बनने से भाजपा की राह आसान हो जाएगी।अगर फुलकेरिया भगत कांग्रेस से प्रत्याशी हुईं तो चुनाव रोमांचक होगा मुकाबला कड़ा हो जाएगा।फुलेकेरिया भगत के व्यवहार,कार्यप्रणाली,लोगों से जुड़ाव के कारण भाजपा के लिए वह सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकती हैं।कांग्रेस में मजबूत प्रत्याशी के रूप में फुलेकरिया भगत है।

सवाल : कांग्रेस की रणनीति से भाजपा कैसे निपटेगी जब कांग्रेस के विधायक लगातार हिंदुत्व का काम कर रहे हैं ? 

जवाब : हार जीत लगा रहता है परिवर्तन के कारण कभी हार कभी जीत होता है,हिंदुत्व के मुद्दे पर भाजपा अभी भी कांग्रेस से आगे है।कांग्रेस के पास कैडर की कमी है।कांग्रेस जिस हिंदुत्व का दिखावा कर रही है वह बेवकूफी है।कांग्रेस की यह रणनीति काम नहीं आएगी।इसके अलावा उनके कार्यकर्ताओं में असंतोष है।भाजपा के कार्यकर्ता बूथ तक अपनी जड़ें जमा चुके हैं जिसे हिलाना आसान नहीं होगा।

सवाल : जिस गति से विधायक लोकप्रिय हो रहे हैं जनता के बीच अपनी पैठ मजबूत करते दिख रहे हैं उससे भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है ? 

जवाब : भाजपा की जमानत जब्त करने के स्पीड से काम करने का सोच कांग्रेस विधायक कर रहे हैं।लेकिन यह फैक्टर उनका सपना ही बन कर रहेगा।आस्था के साथ खिलवाड़ का अनोखा खेल इनका नहीं चलेगा।एक तरफ ये विधायक मंदिर बनवाने का ढोंग रचते हैं तो दूसरी तरफ ये लोग रात के अंधेरे में चर्च भी जाते हैं जिसे जनता भली भांति जान चुकी है।मंदिर बनाने साड़ी बांटने कपड़ा बांटने से वोट बैंक और जनाधार नहीं बनता है बल्कि क्षणिक लाभ मात्र का ही प्रोपेगैंडा कहा जा सकता है इसको।

सवाल : क्या मिशनरीज कांग्रेस को सपोर्ट करेंगे ? क्या जातीय समीकरण का लाभ भाजपा को मिलेगा ? 

जवाब : चुनाव में प्रत्यासी चयन के बाद ही सब स्थिति स्पष्ट होगी।।अन्य जातिगत समीकरण टिकट वितरण के बाद एडजस्ट कर लिया जाएगा।भगत ने दावा किया कि अगर कांग्रेस का राज आता है तो मिशनरी राज्य बनने में देरी नहीं लगेगा।मिशनरी कभी भाजपाई नहीं हो सकते।हिंदू बोलता है, मिशन करता है और मिशन हमेशा कांग्रेस को ही सपोर्ट करेगा।भाजपा का टिकट किसी को भी मिले संगठन एकजुट है और हमेशा एकजुट रहेगा।

सवाल : जिले में अब अतिसंवेदनशील क्षेत्र,बूथ नहीँ हैं क्या यहां अब नक्सल गतिविधियां शांत है। ?

जवाब : अति संवेदनशील बूथ पहले हुआ करते थे।भले ही शासन प्रशासन इस बात को सामने नहीँ लाती पर जिले के सीमांत क्षेत्रों में नक्सल सुगबुगाहट आज भी है।हाल फिलहाल में काई कछार से आरा के बीच 20 हथियार बंद लोगों ने गत दिनों अपनी गतिविधि दिखाई थी।नक्सल गतिविधि यहां लगातार सक्रिय हो रहे है जैसे बस्तर में आज भी उनका कब्जा है,ऐसे ही यहां भी उनकी नजर है।


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