... बड़ी समस्या : "स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही " "जशपुर" जिले में नहीं है RTPCR टेस्ट की सुविधा,न डाक्टर्स का प्रशिक्षण हुआ,न मशीन लगी और वायरोलॉजी लैब बनकर तैयार,टेस्ट रिपोर्ट में हो रही देरी,लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमित,कोरोना की तीसरी लहर में प्रशिक्षण लेने जाएँगे डॉक्टर्स,CMHO ने कही ये बात ...?

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बड़ी समस्या : "स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही " "जशपुर" जिले में नहीं है RTPCR टेस्ट की सुविधा,न डाक्टर्स का प्रशिक्षण हुआ,न मशीन लगी और वायरोलॉजी लैब बनकर तैयार,टेस्ट रिपोर्ट में हो रही देरी,लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमित,कोरोना की तीसरी लहर में प्रशिक्षण लेने जाएँगे डॉक्टर्स,CMHO ने कही ये बात ...?

जशपुर,टीम पत्रवार्ता,13 जनवरी 2022

BY योगेश थवाईत 

जशपुर जिले में लगातार कोरोना संक्रमण के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं।वहीँ स्वास्थ्य अमले की हर मेहनत जाँच रिपोर्ट में लेटलतीफी की वजह से दम तोड़ती नजर आ रही है।आपको बता दें कि जशपुर जिले में कोरोना के आरटीपीसीआर टेस्ट की सुविधा नहीं हैं जिससे यहाँ संक्रमितों को काफी परेशानी हो रही है।यहाँ से सैम्पल रायगढ़ भेजे जाते हैं जहाँ पहले से काफी टेस्ट लंबित होने के कारण समय पर रिपोर्ट नहीं आ पाती और संक्रमण फ़ैलता चला जाता है।दरअसल कोविड के दुसरे लहर की गंभीरता को देखते हुए एहतियातन तीसरी लहर से बचाव के लिए जशपुर में आरटीपीसीआर टेस्ट की सुविधा शुरू करने के लिए तत्कालीन कलेक्टर महादेव कावरे ने वायरोलॉजी लैब का निर्माण कराया था।उनके तबादले के बाद जिला प्रशासन द्वारा इसके लिए पुनः कोई कार्यवाही नहीं की गई और देखते ही देखते तीसरी लहर का संक्रमण बढ़ना शुरु हो गया।

जशपुर से रायगढ़ की  दूरी लगभग 200 किलोमीटर है वहीँ अंबिकापुर की दुरी लगभग 150 किलोमीटर है।जहाँ सैम्पल भेजने के बाद रिपोर्ट के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ता है।हांलाकि एंटीजन व ट्रूनॉट टेस्ट की सुविधा जिले में हैं इसके बावजूद कुछ लोगों में संक्रमण का पता नहीं चल पाता जिसे आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए रायगढ़ भेजा जाता है।

नहीं लगी आरटीपीसीआर टेस्ट मशीन  

कोविड की तीसरी लहर आ चुकी है इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग का रवैया गैर जिम्मेदाराना बना हुआ है।लगभग 8 माह पहले ही जशपुर जिले में आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए वायरोलॉजी लैब की स्थापना पूर्व कलेक्टर महादेव कावरे के कार्यकाल में कराई जा चुकी है।सतट इसके लिए कार्य किया जाता रहा है।कलेक्टर कावरे के तबादले के बाद इस ओर स्वास्थ्य विभाग ने कोई ध्यान नहीं दिया और आवश्यक कार्यवाही के अभाव में न तो जाँच मशीन लग सकी न ही जांच के लिए यहाँ के डाक्टर्स का प्रशिक्षण कराया गया।

तीसरे लहर में होगा प्रशिक्षण 

लगभग 8 माह पहले शुरु किए गए सुसज्जित वायरोलॉजी लैब में फिलहाल आरटीपीसीआर टेस्ट मशीन की कमी है वहीँ इसके लिए प्रशिक्षित डाक्टर्स व लैब टैक्नीशियन भी जिले में नहीं हैं।लिहाजा तीसरी लहर के साथ अब स्वास्थ्य विभाग इन सभी कमियों को दूर करने की कोशिश में लगा हुआ है।हांलाकि दूसरी लहर के शुरुआत के साथ ही इन तैयारियों को दुरुस्त किया जाना था जो विभागीय लापरवाही के कारण खटाई में पड़ी रही।

अब स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में पुनः प्रयास कर रहा है जिसके तहत जिले से दो चिकित्सक  व लैब टैक्नीशियन व अन्य को आरटीपीसीआर टेस्ट के प्रशिक्षण के लिए अंबिकापुर मेडीकल कालेज भेजे जाने की कवायद शुरू कर दी गई है।18 जनवरी से प्रशिक्षण शुरू होगा जो 15 दिनों तक चलेगा।इस टीम में डॉ ममता सिंह,डॉ पल्लवी,सनातन कुजूर व संतोष वाणिक शामिल हैं।इनके प्रशिक्षण प्राप्त करते ही डोंडकाचौरा स्थित वायरोलॉजी लैब में आरटीपीसीआर टेस्ट मशीन की स्थापना के साथ टेस्ट शुरू होने की उम्मीद है।

जशपुर के सीएमएचओ डॉ रंजीत टोप्पो से जब इस मामले पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के जाते ही सब कुछ सामान्य हो गया था अब तीसरी लहर में मामले आ रहे हैं जिसको देखते हुए जिले में आरटीपीसीआर टेस्ट की सुविधा के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।उन्होने बताया कि 4 लोगों को प्रशिक्षण के लिए अंबिकापुर मेडिकल कालेज भेजा जा रहा है।जहाँ से 15 दिनों के प्रशिक्षण के बाद राज्य शासन को सूचित करने के बाद मशीन लगेगी जिसके बाद जिले में आरटीपीसीआर टेस्ट की सुविधा शुरु हो सकेगी।

बहरहाल जशपुर जिले में लगातार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सवाल लगते रहे हैं वहीँ कोरोना के दुसरे लहर के दौरान भी करोड़ों के वारे न्यारे हो चुके हैं जिसमें जांच अब तक लंबित है।फिलहाल लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं की जरुरत जिससे कोरोना की तीसरी लहर को समय रहते आक्रामक होने से रोका जा सके इस दिशा में जिला प्रशासन का प्रयास होना चाहिए।


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