... लापरवाही :" उजड़ " रहा " बादलखोल अभ्यारण्य", "सेंचुरी के वन अमले को भनक तक नहीं" तस्करों ने काट दिए सैकड़ों पेड़,आनन फानन में कार्यवाही के नाम पर जप्त किए जा रहे ठूंठ,किसी ने नहीं उठाया फोन ...?

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लापरवाही :" उजड़ " रहा " बादलखोल अभ्यारण्य", "सेंचुरी के वन अमले को भनक तक नहीं" तस्करों ने काट दिए सैकड़ों पेड़,आनन फानन में कार्यवाही के नाम पर जप्त किए जा रहे ठूंठ,किसी ने नहीं उठाया फोन ...?

 


जशपुर,टीम पत्रवार्ता,6 जून 2021

BY योगेश थवाईत 

जशपुर जिले के एकमात्र बादलखोल अभ्यारण्य में लकड़ी की तस्करी जोरों पर है और विभागीय अमला आँख बंद कर लापरवाह बना हुआ है।ताजा मामला है बगीचा के बेंद बेतरा से लगे बादलखोल अभ्यारण्य के डूमरपानी का जहाँ बस्ती के बाद अभ्यारण्य क्षेत्र में वृक्षों की बेतहाशा कटाई की गई है।इधर वन अमला पुरे मामले से अनजान बना हुआ है

देखिए वीडियो 

उल्लेखनीय है कि जिले में बादलखोल अभ्यारण्य में शासन के तमाम सहयोग के बावजूद यहाँ का स्थानीय अभ्यारण्य प्रशासन पेड़ों की कटाई को लेकर लाचार नजर आ रहा हैबादलखोल अभ्यारण्य के डूमरपानी गाँव के बाद लगभग एक एकड़ क्षेत्र में पुराने पेड़ों की जमकर कटाई की गई है

मामले में युवा कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष विकास यादव ने बताया कि उन्हें ग्रामीणों से सुचना मिली जिसके बाद वे मौके पर पंहुचे तो वहां का माजरा देखकर वे अचंभित हो गए।उन्होंने बताया कि लगभग 1 एकड़ क्षेत्र में जमकर पेड़ों की कटाई हुई है।उन्होंने बीट गार्ड से इसकी जानकारी ली तो बताया गया कि किसी ने सुचना नहीं दी और विभाग को पता नहीं चला कि पेड़ों की कटाई हुई हैयुवा कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष ने उक्त मामले पर दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है

सबसे बड़ा सवाल यह कि शासन ने जिस जिम्मेदारी के साथ यहाँ पदस्थ कर्मचारियों और अधिकारियों को अभ्यारण्य की जिम्मेदारी सौंपी है उनके नाक के नीचे सैकड़ों पेड़ों की कटाई होना कहीं न कहीं विभागीय मिलीभगत की ओर संकेत करता है

बहरहाल यह कोई पहला मामला नहीं जब पेड़ों की कटाई हुई हो।पहले भी कई बार इस तरीके के मामले सामने आए हैं जिसमें जांच तो हुई पर कार्यवाही के नाम पर अब तक दोषी अधिकारी कर्मचारी अब तक अपने पद पर बने हुए हैं।लम्बे समय से यहाँ पदस्थ कर्मचारियों के कारण स्थानीय लकड़ी तस्करों के हौसले बुलंद हो जाते हैं और वे लगातार अभ्यारण्य क्षेत्र में कटाई को अंजाम देते हैं

मामले में वन अधिकारियों को जानकारी दिए जाने के बाद अब तक उनकी ओर से कर्यवाही को लेकर कोई मुकम्मल जवाब नहीं आया है।मामले पर नजर बनी हुई है जिसमें जनप्रतिनिधि कार्यवाही की मांग कर रह रहे हैं।अब देखना होगा कि संभाग के जिम्मेदार अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं।फिलहाल अभ्यारण्य से जुड़े अधिकारी कर्मचारी मामले में बचते नजर आ रहे हैं किसी जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी ने फोन नहीं उठाया


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