... ब्रेकिंग जशपुर : "गाँव के दबंग दलाल " खा गए "पहाड़ी कोरवाओं" के "प्रधानमंत्री आवास का पैसा",SDM कोर्ट में 1 साल से मामला लंबित,न FIR हुई न घर बना,गांव से बाहर झोपड़े में रहने को मजबूर राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र....कलेक्टर ने दिए कार्यवाही के निर्देश

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ब्रेकिंग जशपुर : "गाँव के दबंग दलाल " खा गए "पहाड़ी कोरवाओं" के "प्रधानमंत्री आवास का पैसा",SDM कोर्ट में 1 साल से मामला लंबित,न FIR हुई न घर बना,गांव से बाहर झोपड़े में रहने को मजबूर राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र....कलेक्टर ने दिए कार्यवाही के निर्देश

 


जशपुर,टीम पत्रवार्ता,12 अगस्त 2021

BY योगेश थवाईत 

जब शासकीय योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को न मिले तो इसके लिए प्रशासन ही जिम्मेदार होता है।पर यहाँ मामला बिलकुल अलग है।यहाँ तो प्रशासन ने हर प्रकार से पहाड़ी कोरवाओं को उनका हक़ दिलाने की पहल कर डाली पर गाँव के दबंग अब प्रशासन पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं।जिनसे न तो पैसे वसूल हुए न ही कोरवाओं का घर बन सका वहीँ लगातार तारीख़ बढ़ने से पीड़ित आज भी झोपड़े में रहने को मजबूर हैं

मामला है जशपुर जिले के बगीचा जनपद पंचायत के गायबुड़ा गाँव का जहाँ राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले विशेष संरक्षित जनजाति परिवार के हीरालाल राम पिता फगुआ व प्रेमसाय पिता चांदू राम को वर्ष 2018-19 में प्रधानमंत्री आवास की  स्वीकृति मिली थी और उनके खातों में 1 लाख 20 हजार रुपए आवास निर्माण के लिए विभाग द्वारा भेजा गया था। 

अशिक्षा व जानकारी के अभाव में मकान बनवाने के नाम पर गाँव के  कुछ दलालों ने पहाड़ी कोरवा हितग्राहियों के खाते से अंगूठे लगवाकर पैसे निकाल लिए और उनका घर भी नहीं बनवाया।अब तो दबंगों के डर से एक हितग्राही जंगल के किनारे घास फूस के झोपड़े में रहने को मजबूर हैं वहीँ दूसरे हितग्राही के सर पर भी छत नहीं है।

दोनों पहाड़ी कोरवा हितग्राहियों ने मामले की शिकायत कलेक्टर,एसपी समेत एसडीएम से की जिसमें जांच भी हुई और एसडीएम बगीचा के निर्देश के बाद पीएम आवास का निर्माण कराए जाने की पहल भी हुई।निर्माण सम्बन्धी प्रगति प्रतिवेदन के लिए विकास खंड समन्वयक को नोटिस भी जारी किया गया पर नतीजा कुछ नहीं निकला।

मामले में पीएम आवास के विकास खंड समन्वयक प्रशांत भगत ने एसडीएम बगीचा को सौंपे गए अपने जाँच प्रतिवेदन में बताया है कि गाँव के राजेंद्र यादव पिता मदत यादव व बबलू उर्फ़ कृष्ण मुरारी यादव पिता उचित नारायण यादव के द्वारा आवास बनवाने के नाम पर हितग्राहियों के खाते से पैसे का अंतरण अपने खातों में कराया गया है।जिसे जाँच में सही पाया गया है।ग्राम पंचायत स्तर से तत्कालीन आवास मित्र नरेश यादव के द्वारा दोनों हितग्राहियों के आवास का गलत तरीके से पूर्ण स्तर का जिओ टेगिंग किया गया है। जबकि आवास की वास्तविक स्थिति अधूरी दिख रही है और हितग्राही घास फूस के झोपडी में निवास कर रहे हैं।

इधर मामले में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बगीचा थाने में शिकायत करते हुए हितग्राहियों के साथ हुए ठगी व मारपीट के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने का प्रयास किया जिसे बगीचा थाने ने पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य बता दिया और कार्यवाही ठन्डे बस्ते में चली गई ।मामले में पहाड़ी कोरवा एवं बिरहोर विकास अभिकरण जशपुर के अध्यक्ष भगतु राम ने भी कलेक्टर को पत्र लिखकर कर्यवाही की मांग कर चुके हैं इसके बावजूद अब तक हितग्राहियों को उनका हक़ नहीं मिला।

अब सवाल यह उठता है कि चूक कहाँ हुई ? न तो कार्यवाही हुई,न हितग्राहियों का पैसा वापस मिला और न ही दबंग दलालों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हुआ।राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवाओं को उनका हक़ नहीं मिल पा रहा यह शासन के लिए चिंता का विषय हैं।वहीँ सबसे गंभीर बात यह है कि जिन पहाड़ी कोरवाओं को जंगल से लाकर गाँव में बसाकर मूल धारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है। जिनके उत्थान के लिए तमाम योजनाएं संचालित की जा रही हैं। वे अब भी गाँव के दबंग दलालों का शिकार होकर ठगे जा रहे हैं और शासन प्रशासन बेबस लाचार बना हुआ है।

"बेहद गंभीर मामला है,मामले में कार्यवाही के निर्देश दिए जा रहे हैं,हितग्राहियों का आवास जल्द पूरा कराया जाएगा।"

महादेव कावरे,कलेक्टर जशपुर

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