... व्यथा : "कैबिनेट मंत्री" के गृहक्षेत्र में नहीं है "शव वाहन",बतौली स्वास्थ्य केंद्र के बाहर पड़ी है मृतक की लाश,रिफर कर अंबिकापुर ले जाते वक्त रास्ते में हुई थी मौत..परिजनों ने कहा कोई तो करो हमारी मदद ...अस्पताल से नहीं मिल रहा सहयोग

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व्यथा : "कैबिनेट मंत्री" के गृहक्षेत्र में नहीं है "शव वाहन",बतौली स्वास्थ्य केंद्र के बाहर पड़ी है मृतक की लाश,रिफर कर अंबिकापुर ले जाते वक्त रास्ते में हुई थी मौत..परिजनों ने कहा कोई तो करो हमारी मदद ...अस्पताल से नहीं मिल रहा सहयोग

 


जशपुर/सरगुजा,टीम पत्रवार्ता,27 जुलाई 2021

BY योगेश थवाईत 

कहने को लोग कहते हैं भूपेश है तो भरोसा है इसी भरोसे का इंतज़ार एक मृतक परिवार सरगुजा के बतौली स्वास्थ्य केंद्र में कर रहा है।सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि मृतक को घर भेजने की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है।दरअसल मृतक को बगीचा से रिफर कर अंबिकापुर भेजा गया था जहाँ लमगाँव के पास उसकी मौत हो गई।नियमों के मुताबिक 108 ने उसे पास के स्वास्थ्य केंद्र बतौली में उतार दिया।जहाँ परिजनों के साथ अब मृतक की लाश मुक्तांजलि वाहन का इंतज़ार कर रही है।जबकि यहाँ शव वाहन ही नहीं है

मिली जानकारी के अनुसार मृतक मोहरों भगत (65) बगीचा के झिक्की गाँव का रहने वाला है जिसकी अचानक तबियत बिगड़ने पर उसे दोपहर में बगीचा अस्पताल लाया गया।यहाँ प्रारंभिक उपचार के बाद उसे अंबिकापुर जिला अस्पताल रिफर कर दिया गया।रास्ते में लमगाँव के पास उसकी मौत हो गई।जिसके बाद संजीवनी 108 ने अपने नियमों के अनुसार पास के बतौली स्वास्थ्य केंद्र में उसे उतार दिया।

यहाँ बतौली स्वास्थ्य केंद्र में मृतक की पत्नी व एक युवक लाश के साथ अपने घर बगीचा के झिक्की गाँव जाने के इंतज़ार में हैं।बतौली स्वास्थ्य केंद्र में मुक्तांजलि वाहन नहीं है और यहाँ उनकी सुनने वाला कोई नहीं ऐसे में परिजन खासे परेशान हैं।उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वे क्या करें।

मामले में जिम्मेदार बीएमओ संतोष सिंह से बात करने के लिए उनके नंबर 7999496233,9770120620 पर काल किया गया पर उनका नंबर बंद आया।मौसमी बिमारियों के साथ संक्रमण काल में जिम्मेदार अधिकारी का मोबाईल बंद रहना निश्चित ही गैर जिम्मेदाराना है।

बीएमओ के अधीनस्थ कर्मचारी बीपीएम अमित एक्का ने पूरी जिम्मेदारी से बात करते हुए 1088 से मदद मांगकर शव वाहन मंगाने की सलाह दी।जिसमें फोन लगाने पर फोन नहीं लगा।

मृतक के साथ उनके रिश्तेदार संतोष भगत ने बताया कि अस्पताल के बाहर वे कई घंटो से खड़े हैं लाश भी बाहर पड़ी है यहाँ से मृतक के शव को घर भेजने की कोई व्यवस्था नहीं है।अस्पताल प्रबंधन ने बाहर से गाड़ी की व्यवस्था करने की बात कहते हुए अपना पल्ला झाड लिया।स्वास्थ्य महकमे में ऐसी लापरवाही निश्चित ही मानवता को शर्मसार करती है।

सबसे बड़ी बात यह कि कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत के गृह क्षेत्र बतौली में मुक्तांजलि वाहन का न होना शर्मनाक है।जबकि जशपुर जिले के प्रभारी मंत्री रहते हुए उन्होंने जशपुर जिले में कई शव वाहन दिए हैं।बहरहाल मृतक परिवार काफी परेशान है जिनके पास शव वाहन की व्यवस्था नहीं है और लाश बतौली स्वास्थ्य केंद्र में भूपेश के भरोसे का इंतज़ार कर रही है।अब देखना होगा कि इस भरोसे को कौन पुरा करता है

मृतक के रिश्तेदार का मोबाईल नंबर 7987296234 है जिससे संपर्क कर सहयोग किया जा सकता है

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