जशपुर,टीम पत्रवार्ता,26 जुलाई 2021
BY योगेश थवाईत
जशपुर जिले के कांसाबेल टांगरगाँव में प्रस्तावित स्पंज आयरन,स्टील प्लांट की स्थापना के लिए आगामी 4 अगस्त को होने वाले जनसुनवाई को लेकर अब कम्पनी की मुश्किलें बढती जा रही हैं।एक ओर जहाँ तमाम दल व जनप्रतिनिधि मुखर होकर इसका विरोध कर रहे हैं वहीँ जनजातीय सुरक्षा मंच ने मामले में जनहित याचिका दायर करते हुए हाईकोर्ट की शरण ली है।छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सम्बंधित को नोटिस जारी करते हुए मामले की सुनवाई की तारीख तय कर दी है।
अधिवक्ता रामप्रकाश पाण्डेय ने बताया कि हाईकोर्ट के अधिवक्ता दिलमन रति मिंज व जीएल उईके के माध्यम से उन्होंने आगामी 4 अगस्त को स्टील प्लांट के लिए होने वाले जनसुनवाई पर आपत्ति दर्ज करते हुए जनहित याचिका दायर की है।जिसमें हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए आगामी 27 जुलाई को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई तय की है।
उल्लेखनीय है कि स्टील प्लांट की स्थापना को लेकर जून माह में जिला कलेक्टर को पर्यावरण विभाग द्वारा पत्र लिखकर दावा आपत्ति व अन्य प्रक्रिया पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया था।जिसमें स्थापना का प्रकाशन व दावा आपत्ति के लिए 1 माह का समय दिया जाना था।यह प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद जनसुनवाई की प्रक्रिया की जानी थी।
जबकि जिले के किसी अखबार में इस प्रस्ताव की अधिसूचना सार्वजनिक नहीं की गई न ही दावा आपत्ति मंगाई गई।इसके साथ जशपुर जिला पांचवी अनुसूची में होने के कारण सर्वसम्मति से ग्राम सभा कर प्रस्ताव पास किया जाना था जो नहीं किया गया।वहीँ जशपुर जिला द वर्ग में आता है जहाँ स्पंज आयरन कारखाना की स्थापना का प्रावधान नहीं है।
इसके अलावा हाथी कोरिडोर,पर्यावरण असंतुलन जैसे तमाम मुद्दों के साथ स्टील प्लांट की स्थापना का विरोध किया जा रहा है।अब देखना होगा कि आगामी 4 अगस्त को होने वाली जनसुनवाई पर हाईकोर्ट स्टे देती है या जल जंगल जमीन की लड़ाई में एक बार फिर से जिले की शांत फिजां में हलचल शुरू होगी।
इधर जनजतीय सुरक्षा मंच के हितरक्षा प्रमुख व वरिष्ठ पर्यावरण प्रेमी रामप्रकाश पांडेय ने बताया कि बगीचा एसडीएम ने कोविड कारणों का हवाला देते हुए 25 तारीख को ग्रामीणों द्वारा आयोजित बैठक की अनुमति निरस्त कर दी।वहीं 4 अगस्त को 10 हजार से भी अधिक लोगों की उपस्थिति में आयोजित जनसुनवाई पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।उन्हें किस आधार पर अनुमति मिल गई यह गंभीर विषय है जिसे शामिल करते हुए माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष पक्ष रखा जाएगा।
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