जशपुर,टीम पत्रवार्ता,24 अगस्त 2020
जशपुर में कृषि विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है।कृषि विभाग की लापरवाही से 2 साल से पड़े लाखों के खाद और दवाई पड़े पड़े खराब हो गये,ये खाद और दवाई किसानों को बांटे जाने के लिए आये थे।हद तो तब हो गई जब इसके वितरण के लिए जिम्मेदार अधिकारी ने गैरजिम्मेदाराना बयान देते हुए कहा "मैं फेरी वाला थोड़ी हूँ जो घर घर जाकर बांटता फिरूं।अब इस मामले में कलेक्टर ने जाँच के आदेश दे दिए हैं।
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जशपुर के बगीचा विकासखण्ड के पंडरापाठ क्षेत्र में लगभग 2 साल पहले सैकड़ो किसानों व अति पिछड़े पहाड़ी कोरवाओं के फसलों के लिए कृषि विभाग के पास लाखों के खाद और दवाई आये थे।कृषि विभाग के अधिकारियों ने इस खाद दवाई को ना बाँटकर एक जर्जर भवन में रख दिया।इस भवन में लगभग दो साल से अधिक समय से ताला लगा है और ये खाद और दवाई इस भवन में पड़े पड़े खराब हो गए इस मामले को लेकर स्थानीय किसानों में खासी नाराजगी है।और किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की माँग की है।
आपको बता दें कि कृषकों के लिए शासकीय योजनाओं के तहत विभिन्न खाद,बीज का निःशुल्क वितरण किया जाता है वहीँ बड़े पैमाने पर खाद बीज की कालाबाजारी भी होती है।यहाँ अधिकारी की लापरवाही से किसानों तक शासकीय योजना नहीं पंहुच पाई और जर्जर भवन में ही उसने दम तोड़ दिया।
वहीं इस मामले में हमने कृषि विभाग के ब्लॉक अधिकारी एके सिंह परिहार से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। वहीं पंडरापाठ के एग्रीकल्चर
एडीओ अजीत कुजूर का कहना है की बीज वितरण के बाद खाद और दवाई आये थे जिसकी वजह से ये पड़े पड़े खराब हो गये, किसानो को ना बांटे जाने के सवाल पर कृषि विभाग के कर्मचारी का जवाब सुनकर आप भी हैरान हो जायेंगे,कृषि विभाग के एडीओ ने कहा की मैँ कोई फेरीवाला नहीं की घूम-घूमकर इसका वितरण करूँ।
खाद और दवाई खराब होने से शासन को लाखों का नुकसान हुआ है लेकिन इसके बावजूद इन कर्मचारियों का इस तरह से गैर जिम्मेदारा बयान इनकी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े करता है,बहरहाल इस मामले में अब कलेक्टर ने जाँच के आदेश दे दिए हैं।
देखिये कलेक्टर ने क्या कहा
जशपुर कलेक्टर महादेव कावरे ने बताया कि यह बेहद गंभीर मामला है,उपसंचालक कृषि से जाँच रिपोर्ट मंगाई गई है,जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी कार्यवाही की जाएगी।
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