बिलासपुर(पत्रवार्ता) हाईकोर्ट ने शासन को याचिकाकर्ता के लिए महिला संवर्ग में डीएसपी का एक पद रिक्त रखने का आदेश दिया है। साथ ही शासन व पीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने 26 नवंबर 2016 को प्रशासनिक कैडर के विभिन्न रिक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी कर आवेदन आमंत्रित किया था। परीक्षा में जशपुर निवासी चारुचित साय आरक्षित महिला संवर्ग के डीएसपी पद के लिए शामिल हुई।
30 नवंबर 2017 को जारी प्रतीक्षा सूची में उनका नाम नौवें स्थान पर व आरक्षित वर्ग महिला की प्रतीक्षा सूची में प्रथम स्थान पर था। मंत्रालय गृह पुलिस विभाग ने 27 दिसंबर को दस्तावेज सत्यापन करते समय स्पष्ट टिप्पणी दी थी कि राज्य सेवा परीक्षा 2016 के माध्यम से इनका चयन अनुपूरक सूची से डीएसपी के पद पर किया गया है।
गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ने जनवरी 2019 को इनका मेडिकल परीक्षण कराने का आदेश दिया। शासन ने मेडिकल परीक्षण के बाद नियुक्ति आदेश जारी करने के निर्देश दिए। लेकिन अचानक जनवरी 2019 में चयन सूची जारी कर यह कह दिया गया कि लोकसेवा परीक्षा नियम 2014 के अनुसार लोकसेवा परीक्षा 2016 की वैधता समाप्त हो चुकी है। इस आदेश से उनकी नियुक्ति रोक दी गई।
30 नवंबर 2017 को जारी प्रतीक्षा सूची में उनका नाम नौवें स्थान पर व आरक्षित वर्ग महिला की प्रतीक्षा सूची में प्रथम स्थान पर था। मंत्रालय गृह पुलिस विभाग ने 27 दिसंबर को दस्तावेज सत्यापन करते समय स्पष्ट टिप्पणी दी थी कि राज्य सेवा परीक्षा 2016 के माध्यम से इनका चयन अनुपूरक सूची से डीएसपी के पद पर किया गया है।
गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ने जनवरी 2019 को इनका मेडिकल परीक्षण कराने का आदेश दिया। शासन ने मेडिकल परीक्षण के बाद नियुक्ति आदेश जारी करने के निर्देश दिए। लेकिन अचानक जनवरी 2019 में चयन सूची जारी कर यह कह दिया गया कि लोकसेवा परीक्षा नियम 2014 के अनुसार लोकसेवा परीक्षा 2016 की वैधता समाप्त हो चुकी है। इस आदेश से उनकी नियुक्ति रोक दी गई।
इसके खिलाफ याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। इसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता लिखित परीक्षा में शामिल होने के बाद मेडिकल परीक्षण में सफल हुई है। नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रतीक्षा सूची की वैधता अवधि के दौरान प्रक्रिया पूर्ण नहीं करने के लिए याचिकाकर्ता जिम्मेदार नहीं है। याचिकाकर्ता उप पुलिस अधीक्षक के पद में नियुक्ति पाने की हकदार है।
याचिका में जस्टिस पी.सेम कोशी के कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के दस्तावेज सत्यापन, मेडिकल में सफल होने और नियुक्ति आदेश जारी होने के बाद भी नियुक्ति नहीं किए जाने को अनुचित माना है। कोर्ट ने शासन को याचिकाकर्ता के लिए पुलिस उप अधीक्षक का एक पद रिक्त रखने का आदेश दिया है। कोर्ट ने राज्य शासन व पीएससी सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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