151 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के साथ
10 से 13 नवम्बर तक होगा महोत्सव का आयोजन
योगेश थवाईत
कोरबा 28 जुलाई 2019 (पत्रवार्ता) शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में 25 वर्ष पहले 6 से 10 फरवरी 1994 की तिथी में कोरबा में ऐतिहासिक अश्वमेध यज्ञ सम्पन्न किया जा चुका है।इस अश्वमेध यज्ञ की रजत जयंती का सौभाग्य पुनः कोरबा को मिला है।जो 10 से 13 नवम्बर 2019 तक कोरबा के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित इन्दिरा स्टेडियम संपन्न होगा।
अविभाजित मध्यप्रदेश में संपन्न हुए कोरबा अश्वमेध यज्ञ से लाखों उर्जावान कार्यकर्ता सृजित हुए थे वहीँ गाँव गाँव तक इसकी लहर चली थी।आगामी रजतजयन्ती महोत्सव में 151 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के साथ विविध कार्यक्रम सम्पन्न होंगे।
समूचे छतीसगढ़ समेत देश के
अन्य हिस्सों को प्रकाश पुंज देने
वाले कोरबा नगर में एक बार फिर
से विश्व स्तर का अध्यात्मिक प्रयोग होने
जा रहा है जिसके लिए गायत्री परिवार
के कार्यकर्ता जोर शोर से
तैयारी में जुट गए हैं ।
उक्त आयोजन के लिए 28 जुलाई को गायत्री शक्तिपीठ सीएसईबी चौक कोरबा में बैठक का आयोजन किया गया जिसमें प्रयास,प्रयाज,व्यवस्थाओं व परिजनों में ऊर्जा भरने के साथ कार्यक्रम की तैयारियों पर मंथन किया गया।
कोरबा उपजोन के रायगढ़,चाम्पा-जांजगीर व कोरबा के सभी विकासखंडों से लगभग पांच सौ कार्यकर्ता व पदाधिकारियों की उपस्तिथि में शान्तिकुंज से पधारे राष्ट्रीय समन्वयक कालीचरण शर्मा,छत्तीसगढ़-उड़ीसा प्रांतीय समन्वयक अरुण खण्डागले,जोन प्रभारी दिलीप पाणिग्रही,पूरन चंद्राकर ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया।
राष्ट्रीय समन्वयक कालीचरण शर्मा ने
बताया कि गायत्री साधना करने के लिए
कमर सीधी करना बहुत हुआ अब
युगपरिवर्तन के लिए कमर कस लें।
गुरुकार्य में सबको अपने अपने
हिस्से का पुरुषार्थ करना ही होगा।
गायत्री यज्ञ की महत्ता,महानता,पर्यावरण,देश काल समय के साथ मानव चेतना पर गायत्री मंत्र के प्रभाव को अब नासा के वैज्ञानिक भी मान रहे है।
गायत्री मंत्र अपने आप में एक सम्पूर्ण विज्ञान है।उक्त अध्यात्मिक प्रयोग में पूरे विधी विधान के साथ हजारों जनमानस के साथ 151 कुंडों में साधना,भावना,पुरषार्थ,सात्विकता के साथ दी जाने वाली आहुतियाँ विश्व स्तर पर अद्भुत परिवर्तन लाने वाली होगी।
महायज्ञ की व्यवस्था कोई कमी न रह जाए इसके लिए लोगों ने मुक्त हाथों से अंशदान,अन्नदान व् समयदान की का संकल्प लिया।कोरबा में आयोजित गोष्ठी के पश्चात यज्ञ स्थल,देव मंच स्थल,भोजनशाला, प्रदर्शनी समेत कार्यक्रम स्थल का टोली द्वारा निरीक्षण किया गया।
मीडिया प्रभाग की डॉ शोभना परसाई ने बताया कि अश्ववमेध महायज्ञ के रजत जयंती समारोह के लिए कालीचरण शर्मा भाई साहब के कर कमलों से मन्दिर परिसर में कार्यालय का उद्घाटन किया गया। युग परिवर्तन के संकल्प के साथ वृहद वृक्षारोपण,पर्यावरण संरक्षण,साधना स्तर पर सवालाख के जप मन्त्रलेखन,अखण्डज्योति पत्रिका के पाठक वृद्धि के संकल्पो के साथ पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य के आवाहन "हम बदलेगे-युग बदलेगा","मनुष्य में देवत्व तथा धरती पर स्वर्ग का अवतरण अवश्य होगा" के जयघोष के साथ गोष्ठी का समापन किया गया।कार्यक्रम का संचालन दानेश्वर शर्मा व आभार प्रदर्शन राजकुमार देवांगन के द्वारा किया गया।
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