जशपुर, टीम पत्रवार्ता, 10 सितम्बर 2025
जिला कार्यालय सभाकक्ष में मंगलवार को कलेक्टर रोहित व्यास की अध्यक्षता में समय-सीमा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में कलेक्टर ने छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव अंतर्गत एक नवम्बर को होने वाले राज्य स्थापना दिवस से पूर्व सभी विभागों में कबाड़ पड़ी गाड़ियों और अन्य स्क्रैप सामग्री को नियमानुसार हटाने के निर्देश दिए।
उन्होंने शासन के निर्देशानुसार सभी मृतकों की पीएम रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराने पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने ऐसे चिकित्सकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए, जिन्होंने एक माह से अधिक समय से पीएम रिपोर्ट लंबित रखी है। कलेक्टर ने विभागीय कर्मचारियों के लंबित समयमान और वेतनमान प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करने के साथ ही निलंबित कर्मचारियों एवं अधिकारियों के मामलों में भी त्वरित विभागीय जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। लंबे समय से अनुपस्थित कर्मचारियों को नियमानुसार सेवा से हटाने की बात भी कही।
कलेक्टर ने मुख्यमंत्री जनदर्शन, सीएमटीएल, पीएनजी पोर्टल, कलेक्टर जनदर्शन और जनशिकायत से जुड़े मामलों की समीक्षा करते हुए सभी प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने एनएचएआई के सड़क निर्माण कार्यों के लिए भू-अर्जन से जुड़े मामलों पर मुआवजा वितरण पूरी पारदर्शिता से करने और इसमें गड़बड़ी पाए जाने पर जिम्मेदार कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी।
धान उठाव की स्थिति की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने उठाव में लापरवाही करने वाले समिति प्रबंधकों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पिछले खरीफ वर्ष में गड़बड़ी करने वाली समितियों के प्रबंधकों, डेटा एंट्री ऑपरेटरों और फड़ प्रभारियों को इस वर्ष की खरीदी शुरू होने से पहले ही कार्य से हटाया जाए। साथ ही समितियों के लेखा मिलान जल्द पूर्ण करने और बारदानों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। अधिकारियों को नियमित रूप से समितियों का भौतिक सत्यापन करने को कहा गया।
एग्रिस्टेक योजनांतर्गत डिजिटल क्रॉप सर्वे में आ रही समस्याओं पर कलेक्टर ने विशेष ध्यान देने को कहा और किसानों के हित में वैकल्पिक व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पॉश एक्ट 2013 का कड़ाई से पालन करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि 10 से अधिक महिला कर्मचारियों वाले सभी शासकीय, अर्धशासकीय और निजी संस्थानों में यौन उत्पीड़न निवारण समिति का गठन अनिवार्य रूप से किया जाए और अधिकारियों को इन समितियों का नियमित निरीक्षण करने को कहा।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार, एडीएम प्रदीप कुमार साहू, सभी एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर और विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।



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