... खबर पत्रवार्ता : यहां मरने के बाद भी जान जोखिम में डालकर करना होगा अंतिम संस्कार,आजादी के 77 वर्षों बाद भी नदी में नहीं हो पाया पुलिया का निर्माण, भरी हुई नदी में कांधों पर शव लेकर जाने की मजबूरी,सिस्टम लाचार।

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खबर पत्रवार्ता : यहां मरने के बाद भी जान जोखिम में डालकर करना होगा अंतिम संस्कार,आजादी के 77 वर्षों बाद भी नदी में नहीं हो पाया पुलिया का निर्माण, भरी हुई नदी में कांधों पर शव लेकर जाने की मजबूरी,सिस्टम लाचार।

जशपुर,टीम पत्रवार्ता,16 सितंबर 2024

By योगेश थवाईत

कहते हैं मौत के बाद इंसान परम शांति को प्राप्त हो जाता है। लेकिन जशपुर जिले के बगीचा नगर पंचायत में अगर आपकी मौत हो जाती है तो आपको परम शांति के लिए जान जोखिम में डालकर मुक्तिधाम की यात्रा तय करनी पड़ेगी। एक वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है जिसमें कुछ परिजन शव को चार कंधों में लेकर भरी हुई नदी पर करने की कवायद करते हुए नजर आ रहे हैं।

देखिए विडियो



जब मामले की जानकारी ली गई तो पता चला की यह वीडियो नगर पंचायत बगीचा का है जहां नगरीय क्षेत्र में किसी वार्ड वासी की मौत के बाद उसे अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था। इस दौरान नदी में बाढ़ का पानी उतरा हुआ था और मसला अंतिम संस्कार का था लिहाजा हर परेशानी को पार कर शव को मुक्तिधाम पहुंचाना बेहद जरूरी था।

स्थानीय वार्ड क्रमांक 6 स्थित डोंड़की में पुलिया नहीं होने के कारण आए दिन मुक्तिधाम जाने वाले आम नागरिकों को हमेशा इस समस्या का सामना करना पड़ता है।कई दशकों से यहां पुलिया बनाने की मांग की जा रही है पिछली सरकार में पुलिया के लिए राशि भी स्वीकृत किए जाने की खबर है। इसके बावजूद आज तक उक्त नदी में पुलिया के निर्माण के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है।

हालांकि नगर पंचायत बगीचा के द्वारा यदि इस नदी में पुलिया निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जातीहै तो  निश्चित ही आने वाले दिनों में नागरिकों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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