जशपुर,टीम पत्रवार्ता,21 फ़रवरी 2022
BY योगेश थवाईत
जिले के बगीचा थाना इलाके में नाबालिग युवती से हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में फरार तीन आरोपियों को बगीचा पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।इसके पहले 2 आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।वहीँ मामले के कार्यवाही की भनक लगते ही तीन आरोपी गाँव छोड़कर जंगल की ओर भाग गए थे और लगातार पुलिस को चकमा दे रहे थे।
बगीचा थाना प्रभारी एसआर भगत ने बताया कि लालचंद उर्फ़ दीपू,हर्षलाल उर्फ़ तेलु व् चूड़र पैंकरा को हिरासत में लिया गया है जिन्हें कल न्यायलय के समक्ष पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि लगातार जशपुर जिले की पुलिस पर आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर दबाव बना हुआ था वहीँ विपक्षी पार्टी ने भी इसे मुद्दा बनाते हुए सरकार को घेरा था।मामले की गम्भीरता को देखते हुए जशपुर एसपी विजय अग्रवाल ने तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए थे वहीँ एडिशनल एसपी प्रतिभा पांडेय व् एसडीओपी के नेतृत्व में जिले की पुलिस टीम लगातार गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत थी।
इधर घटना के तत्काल बाद एसपी विजय अग्रवाल ने खुद घटनास्थल का मुआयना कर आरोपियों की गिरफ्तारी व कार्यवाही के लिए आवश्यक निर्देश दिया था।
कानी अम्बा जंगल में छिपे थे आरोपी
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारों के अनुसार दुष्कर्म के फरार तीनों आरोपी सुलेसा के कानीअम्बा जंगल में छिपे हुए थे।17 फ़रवरी की रात घटना को अंजाम देने के बाद 20 फ़रवरी को मामले में रिपोर्ट दर्ज होते ही दो आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी।वहीँ तीन आरोपी फरार हो गए थे।लगातार पुलिस उन्हें ट्रेस कर रही थी।आरोपी कुछ समय तक मोबाईल पकडे रहे उसके बाद जब उन्हें भान हुआ कि मोबाईल से उनका लोकेशन मिल रहा है तो वे मोबाईल छोड़कर जंगल में भाग गए और 24 घंटे से अधिक वे जंगल में भागते रहे।
मुखबीर के सारे पंहुची पुलिस
मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने गाँव व् जंगल के चारो और अपने मुखबीर बैठा रखे थे।वहीँ पुलिस की अलग अलग टीम जंगल में डटी हुई थी।जैसे ही पुलिस को आरोपियों के लोकेशन का पता चला पुलिस ने तत्काल घेराबंदी की और उन्हें हिरासत में ले लिया।
आरोपियों के भागने का रास्ता था बंद
जशपुर पुलिस की अलग अलग टीम ने जिस प्रकार घेराबंदी की थी उससे आरोपी एक ही स्थान पर रहने को मजबूर हो गए थे।सुलेसा से कानी अम्बा जंगल में 24 घंटे बिताने के बाद वे घोरडेगा गाँव से लगे जंगल में छिपे हुए थे।उल्लेखनीय है कि सुलेसा दनगरी के बाद सरगुजा सीमा लग जाती है जिससे अंदेशा था कि वे सरगुजा की और भाग जाएं जिसको देखते हुए पुलिस ने घेराबंदी की थी जिससे वे सीमापार नहीं जा सके और जंगल में ही छिपे रहे।
0 Comments