... ब्रेकिंग जशपुर : "फिर से जागा जनसुनवाई का जिन्न" न पेशा कानून का पालन,न पर्यावरण संस्कृति का संरक्षण,ग्राम पंचायत ने कलेक्टर को लिखा पत्र तो संसदीय सचिव ने कहा "अब तक एनएच 43 अधुरा पड़ा है उसे पुरा कर लें,फिर जशपुर में रेल लेकर आएं और करें जनसुनवाई"

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ब्रेकिंग जशपुर : "फिर से जागा जनसुनवाई का जिन्न" न पेशा कानून का पालन,न पर्यावरण संस्कृति का संरक्षण,ग्राम पंचायत ने कलेक्टर को लिखा पत्र तो संसदीय सचिव ने कहा "अब तक एनएच 43 अधुरा पड़ा है उसे पुरा कर लें,फिर जशपुर में रेल लेकर आएं और करें जनसुनवाई"

 


जशपुर,टीम पत्रवार्ता,03 दिसंबर 2021

BY योगेश थवाईत 

एक ओर जहाँ राष्ट्रीय राजमार्ग 43 अधूरा पडा हुआ है जिसे पिछले 5 वर्षों में पुरा नहीं किया जा सका इसके बाद अब भारतमाला योजना के तहत 104 किलोमीटर की सड़क को लेकर नियम कानून को ताक में रखते हुए जनसुनवाई किए जाने की खबर है। 

उल्लेखनीय है कि पत्थलगांव के तरुआआमा से लेकर लोदम के साईं टांगर टोली तक 104 किलोमीटर की सड़क एन एच के बाद 4 लेन बनाया जाना है जिसके लिए एनएच के अलावा और भी भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। इसकी जनसुनवाई कुनकुरी में आयोजित है। 

संसदीय सचिव यूडी मिंज से साफ़ शब्दों में कहा है कि जशपुर जिले के पर्यावरण,संस्कृति और यहाँ की आबोहवा से छेड़छाड़ वे बर्दाश्त नहीं करेंगे। किसानों की भूमि के साथ 50 हजार से अधिक पेड़ काटे जाएँगे जिसके लिए यहाँ की जनता कभी तैयार नहीं होगी।  यह समय में धान कटाई का है ऐसे में जनसुनवाई का यह समय उचित नहीं,यहाँ के सांसद,विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों को बिना सूचना दिए जनसुनवाई करना अनुचित है।उन्होंने जशपुर कलेक्टर रितेश अग्रवाल को फोन कर जनसुनवाई टालने को कहा है।

इधर बेमतातोली के सरपंच ने लिखित आवेदन के माध्यम से कलेक्टर से गुहार लगाते हुए जनसुनवाई स्थगित करने की मांग की है।

सरपंच द्वारा लिखे गए आवेदन में उल्लेख है कि

यह कि कोई भी केन्द्रीय व राज्य की कानून पेशा क्षेत्र में हुबहू लागू नहीं होती है वरन् राज्यपाल के आदिवासी सलाहकार परिषद के परामर्श के बाद उनकी आजीविका को ध्यान में रख कर ऐसे क्षेत्रों के लिये अलग बनाये जाते हैं जो नहीं बनाया गया है इसलिये जन सुनवाई को निरस्त की जाये।

यह कि पेशा क्षेत्र में जन सुनवाई नहीं किन्तु ग्राम सभा का प्रावधान है, इसलिये जन सुनवाई निरस्त की जाये।

यह कि दावा आपत्ति के पूर्व प्रभावित किसानों की भूमि के अधिग्रहण की जानकारी व्यक्तिगत देने के बाद ही अधिसूचना अखबार में तथा पंचायत में जारी होती है जो नहीं हुआ है इसलिये जन सुनवाई को निरस्त की जाये।

यह कि जन सुनवाई हेतु कोई भी औपचारिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया ना ही जानकारी का प्रचार-प्रसार किया गया अब तक 10 प्रतिशत लोगों को भी जन सुनवाई की जानकारी नहीं है इसलिये जन सुनवाई को निरस्त की जाये।

पत्थलगांव से साईटांगरटोली के बीच भारत माला सड़क बनाने की योजना है जो एन.एच.43 राष्ट्रीय राजमार्ग को कई बार काटते हुये एवं सड़क के समानान्तर 100मी. से 500मी. की दूरी से गुजरना प्रतीत हो रहा है। जिससे आदिवासियों के जमीन को अत्यधिक नुकसान हो रहा है अर्थात हम इसका विरोध करते हैं। इसलिये भारत माला सड़क को एन.एच.43 में ही लिया जाये जिससे आदिवासियों की जमीन कम-से-कम प्रभावित हो।



 यह कि जशपुर क्षेत्रफल के हिसाब से एक छोटा-सा जिला है व यहां की आबादी यहां की जनता जल, जंगल, जमीन पर अपनी आजीविका के लिये निर्भर हैं तथा यह पुर्खा की अमानत हैं तथा आने वाले पीढ़ी को विरासत में देनी है। भारत माला परियोजना से विस्थापित किसानों को आर्थिक व आजीविका की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा जो अत्यन्त गंभीर विषय है।

अतः उपरोक्त बिन्दु को ध्यान में रखते हुये भारत माला परियोजना जन सुनवाई तिथि। 04/12/2021, स्थान- मिनी स्टेडियम, कुनकुरी को पूर्णतः निरस्त की जाये।

फिलहाल जिला प्रशासन की ओर से जनसुनवाई टालने या स्थगित करने की कोई सुचना प्राप्त नहीं हुई है लिहाजा कयास लगाए जा रहे हैं कि कल मिनी स्टेडियम, कुनकुरी में भारत माला परियोजना की जन सुनवाई होनी सुनिश्चित है।

संसदीय सचिव यूडी मिंज ने कहा है कि

जिला जशपुर 5वी अनुसूचित क्षेत्र होने के कारण प्रत्येक ग्राम में जन सुनवाई लिया जाए,प्रोजेक्ट के अनुसार पहले के एनएच 43 के समांतर भारत माला की सड़के  बनेंगे, जिसका अधिक लाभ नही दिख रहा।उन्होंने कहा अभी  खेती किसानी का समय है, जनसुनवाई के लिए आमजनो को पहले ही सूचित करना चाहिए था।साथ ही विधायक ने केंद्र सरकार पर सड़क बेचने के संभावना  पर कहा की "टोल टैक्स" से  क्षेत्र के इनोसेंट  ग्रामीणों को भुगतना पड़ेगा।" जिसमे 300से 400 रुपए तक लोगो को टोल पटना पड़ेगा। एनएच 43 पिछले सात साल से लंबित है, उसपे काम होना चाहिए।इस योजना से बेहतर काम तो  जशपुर को रेल लाइन से जोड़ना चाहिए।यदि रेल लाईन को लेकर जनसुनवाई होती है तो वे पुरा साथ देंगे।

फिलहाल जिले में इससे पहले कुदरगढ़ी स्टील प्लांट की स्थापना को लेकर जनसुनवाई स्थगित हुई थी जिसको लेकर काफी विरोध देखने को मिला था,आज भी स्टील प्लांट के विरोध में ग्रामीण लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं ऐसे में भारतमाला परियोजना के लिए होने वाली जनसुनवाई को लेकर जिला प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती है।

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