जशपुर(पत्रवार्ता)खरसिया से उमेश पटेल के बाद रायगढ़ से जशपुर के बीच किसी कांग्रेस विधायक को मंत्री पद नहीं दिए जाने से अब अस्तित्व की लड़ाई तेज होती दिख रही है ऐसे में पत्थलगांव विधानसभा से 8 बार विधायक रह चुके रामपुकार सिंह कांग्रेस पार्टी में काफी वरिष्ठ हैं।कांग्रेस के मूल सिद्धांत से विपरीत जाकर वरिष्ठता व अनुभव को दरकिनार करते हुए मंत्री पद दिए जाने को लेकर अब सवाल उठने शुरु हो गए हैं।हालात इस कदर बिगड़ते जा रहे हैं कि पत्थलगांव के कांग्रेसी अब पार्टी व पद से इस्तीफे तक की बात कर रहे हैं।
यदि ऐसा हुआ तो रायगढ़ लोकसभा सीट पर एक बार फिर से बीजेपी को क्लीन चिट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
खासकर तब जब जशपुर जिले के बीजेपी के अभेद गढ़ को यहां के कांग्रेसी नेता भेदने में सफल रहे।इसके बाद भी जशपुर जिले को मंत्री पद न देना कई सवाल खड़े करता है।
कयास लगाए जा रहे हैं कि विधानसभा चुनाव के बाद जशपुर को कमजोर करने की कोशिश की का रही है।कांग्रेस के मंत्री पद वितरण को लेकर मंत्री टीएस सिंहदेव की जशपुर राजपरिवार से करीबी को भी लोग रामपुकार की राह में रोड़े बता रहे हैं।
गौरतलब है कि सरगुजा में अमरजीत भगत को मंत्री पद दिए जाने की सुगबुगाहट के बीच खबर आई थी कि टीएस बाबा नहीं चाहते कि अमरजीत को मंत्री पद मिले क्योंकि रामपुकार के साथ मिलकर आदिवासी नेतृत्व की मांग बीते दिनों बुलंद हुई थी।
फिलहाल जशपुर ,कुनकुरी व पत्थलगांव की जनता ने जिस उत्साह के साथ तीनों विधानसभा में कांग्रेस को जीत दिलाई है उससे यह तो स्पष्ट है कि यहां लोगों को आस थी कि यहां से रामपुकार को मंत्री पद मिलेगा।
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