पत्थलगांव(पत्रवार्ता.कॉम) बात करें मौसम की तो शिव का महीना "सावन" अपनी पूरी महिमा बिखेर रहा है।वहीं यहां के "शिवशंकर" के विरोध में अपनी दावेदारी को लेकर सुगबुगाहट शुरु हो गई है।विधानसभा चुनाव जैसे करीब आता जा रहा है वैसे ही बदलते मौसम के साथ सियासी समीकरण भी बदलता जा रहा है।
जी हाँ हम बात कर रहे हैं जिले के तेज तर्रार संसदीय सचिव व पत्थलगांव विधायक शिवशंकर साय पैंकरा की जिन्होंने विपरीत परिस्थिति में बीजेपी का झंडा बुलंद किया और पार्टी को पत्थलगांव की सीट दिलाई।अब उन्हीं के पार्टी और उन्हीं के रिश्तेदार पत्थलगांव विधानसभा से अपनी किस्मत आजमाने की तैयारी में जुट गए हैं।
कारण स्पष्ट है बीजेपी ने जीत हासिल जरुर कर ली पर पांच वर्ष के बीजेपी के कार्यकाल को पत्थलगांव की जनता पचा नहीं पा रही।लगातार विरोध के स्वर उभरने लगे हैं जिससे पत्थलगांव की सीट पर दबंग नेतृत्व की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
अब बात करें रिश्तेदारी की है तो यह जानना बेहद जरूरी है पत्थलगांव से अपनी दावेदारी की शुरुआत करने वाले सालिक साय केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय के साले साहब हैं।कांसाबेल के पूर्व जनपद अध्यक्ष भी रह चुके हैं।वहीं शिवशंकर भी दूर के रिश्तेदार हैं।लिहाजा पकड़ मजबूत मानी जा रही है।यदि पार्टी में पूर्व मंत्री गणेश राम भगत की वापसी होती है तो पत्थलगांव के कमजोर सीट को मजबूत करने के लिए गणेश राम भगत के नाम पर भी चर्चा का दौर शुरू हो चुका है।
फिलहाल ताजा खबर यही है कि केंद्रीय मंत्री के करीबी रिश्तेदार सालिक साय ने जनसंपर्क तेज कर दिया है और पार्टी की मजबूती के लिए खूब मेहनत कर रहे हैं।सब कुछ अच्छा रहा तो विधानसभा पत्थलगांव के लिए इस दावेदारी को भी बल मिल सकता है।
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