"मुझे नहीं लगता है कि इस शव का पूर्व में पीएम हुआ था-डॉ परिहार"
जशपुर(पत्रवार्ता. कॉम) आप सोच सकते हैं कोई मरने के बाद भी न्याय के लिए तरसता रहे...? तो आप यह जान लें "यह जशपुर है यहाँ सब संभव है" मरने से पहले और असामयिक मौत के बाद अगर किसी पर भरोसा होता है तो वह है चिकित्सक जो जान बचाता भी है और मरने के बाद कारणों को भी सामने लाता है।जब वह डॉक्टर ही अपनी जिम्मेदारी न निभाए तो आम आदमी भरोसा किस पर करे ...?
"एक लाश को लावारिश समझ के दफन
कर दिया गया और तो और उसका विधिवत
पीएम भी नहीं किया गया।बावजूद
इसके पीएम की औपचारिकता पूरी कर ली गई।"
दरअसल पूरा मामला है जशपुर के मनोरा का जहां एक सप्ताह पहले मनोरा पुलिस चौकी क्षेत्र के ग्राम हांडीकोना में एक युवक का शव मिला था।जिसकी पहचान नहीं हो सकी। जिसके बाद पुलिस ने शव को मनोरा के मुक्तिधाम में दफना दिया। दो दिन पहले मृतक के परिजन युवक की तलाश कर रहे थे, तभी मिडिया में अज्ञात युवक के शव मिलने की खबर मिली,जिसके बाद परिजन गुमशुदा युवक के हुलिया की जानकारी बताये और मनोरा थाना पहुंचे। उक्त मृत युवक की पहचान जस्टिन तिर्की पिता आनन्द प्रकाश तिर्की निवासी करादरी पंचायत ग्राम लिटीम बेंजोरा के रूप में की गई।
चूंकि परिजनों को जस्टिन की मौत पर संदेह था लिहाजा
शव को पुनः निकालकर पुनः पीएम कराए जाने का आवेदन दिया
गया।जिसके बाद तहसीलदार की अनुमति एंव उपस्थिति पर शुक्रवार
को शव को पुनः निकाला गया और पीएम कराया गया।
दूसरी बार हुए पीएम से बड़ा खुलासा
उक्त मामले में युवक के शव के पीएम को लेकर परिजनों ने सवाल खड़े किये हैं । शुक्रवार को जब परिजनों के आवेदन बाद शव को बाहर निकाला गया तो चौंकाने वाली बात सामने आई।
"परिजनों ने कहा कि पूर्व में
बिना पीएम के ही शव को दफना दिया गया।
शव को जब निकाला गया तो कहीं भी पीएम
के कोई चिन्ह नहीं थे न ही कोई चीरफाड़ के निशान।"
बीएमओ रोशन बरियार और चौकी प्रभारी अरविंद मिश्रा को परिजनों ने घेर कर कई सवाल किए। बीएमओ ने कहा कि मैं पूर्व में हुए पीएम के बारे में जानकारी नहीं दे सकता हूँ और यह दूसरे डॉ के द्वारा हुआ था पर अंत मे जब बीएमओ से यह पूछा गया कि क्या शव का पीएम हुआ था पूर्व में,आपको लगता है...? तो
"बीएमओ डॉ परिहार ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि इस शव का पूर्व में पीएम हुआ था। परिजनों को मामले में हत्या की आशंका है।"
वहीं पुलिस के मुताबिक जहां शव प्राप्त हुआ था वहां सल्फास पाया गया था। परिजनों ने बताया कि 15 दिन पहले युवक भोपाल से आया था और घर से दोस्तों के पास जा रहा हूँ बोलकर निकला था।फिलहाल बिना पीएम के शव को दफन किये जाने के मामले में डॉक्टर और पुलिस की कार्यवाही पर सवालिया निशान लग गया है।
अब देखना होगा ऐसे लापरवाह चिकित्सक पर क्या कार्यवाही होती है ....?
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विडंबना-स्वास्थ्य सेवा के अभाव में दम तोड़ता पहाड़ी कोरवा,कभी स्व दिलीप सिंह जूदेव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते थे,अब नहीं मिल पा रहा मुकम्मल इलाज
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