... खबर पत्रवार्ता : आखिर पुल निर्माण में कहाँ हुआ भ्रष्टाचार.....? ठेकेदार से लेकर अधिकारी तक कहाँ हुई चूक,समझिये तकनिकी जानकारी,आखिर इस बार क्यों हो रही सेतु निर्माण विभाग की फजीहत,ठेकेदार के टर्मिनेट होने के बाद भी क्यों अधूरा है पुल,सिर्फ पत्रवार्ता पर

आपके पास हो कोई खबर तो भेजें 9424187187 पर

खबर पत्रवार्ता : आखिर पुल निर्माण में कहाँ हुआ भ्रष्टाचार.....? ठेकेदार से लेकर अधिकारी तक कहाँ हुई चूक,समझिये तकनिकी जानकारी,आखिर इस बार क्यों हो रही सेतु निर्माण विभाग की फजीहत,ठेकेदार के टर्मिनेट होने के बाद भी क्यों अधूरा है पुल,सिर्फ पत्रवार्ता पर



जशपुर,टीम पत्रवार्ता,30 जनवरी 2023 

यूं तो जशपुर जिले में सेतु निर्माण विभाग ने बड़े बड़े पुल बनाए हैं जिनमें अब तक कोई शिकायत नहीं आई है।पहली बार एक उच्चस्तरीय पुल का तीसरा स्लैब गिरने से विभागीय कार्यप्रणाली के साथ ठेकेदार पर सवालिया निशान लगाना लाजिमी है।

उल्लेखनीय है कि ढलाई के दौरान गोतापारा रजौटी से नारायणपुर पहुंच मार्ग पर उच्च स्तरीय पुलिया का तीसरा स्लैब अचानक ढह गया। जिसमें कुछ मजदूर घायल हो गए थे जो ईलाज के बाद अब स्वस्थ बताए जा रहे हैं।

मामला जशपुर जिले का है लिहाजा कलेक्टर डॉक्टर रवि मित्तल ने जांच की बात कही है।हालांकि जांच टीम में कौन होंगे यह अभी तय नहीं,जांच कब होगी,जांच का दायरा क्या होगा अब तक स्पष्ट नहीं है।

मामले में इंजीनियर अमितेष किंडो ने बताया कि इससे पहले दो स्लैब ढह चुका है जिसका काम ठेकेदार फिर से कर रहा है।उन्होंने बताया कि बारिश में पानी अधिक आ जाने से पिछला दोनो स्लैब ढह गया था।

तीसरे स्लैब के ढहने के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि ब्रिज के काम में कोई लापरवाही नहीं की जाती क्यूंकि उसकी मजबूती ही विश्वास का आधार है जिसमें लोग निर्भीक होकर चलते हैं।उक्त स्लैब की ढलाई में मानक मापदंडों के आधार पर ही सामग्री का उपयोग किया गया है।इसके बावजूद स्लैब का ढहना जांच का विषय है।

बात करें तकनीकी खामियों की तो लगभग 10 वर्षों से अधिक समय बीत जाने के बाद भी उक्त पुल निर्माण का काम पूरा नहीं हो सका।विभाग के एसी जेपी तिग्गा ने बताया कि पिछली बार अनुबंध निरस्त करते हुए ठेकेदार को टर्मिनेट तक करने की कार्यवाही की गई।

इसके बाद वर्ष 2019 में पुनः अनुबंध कर अकूल देवकॉन अंबिकापुर को काम सौंपा गया।यह काम वर्ष 2009 के एसओआर दर पर लगभग 17 प्रतिशत अधिक दर पर स्वीकृत किया गया।नियमानुसार वर्ष 2021 में उक्त कार्य पूरा किया जाना था जिसे वर्ष 2024 तक पूरा नहीं किया गया है।

अधिकारी बताते हैं कि एक से छ प्रतिशत पेनाल्टी लगाकर समयवृद्धि की जाती है।फिलहाल 3 साल का समय बीत चुका है और तीसरी बार स्लैब गिर चुका है।उक्त पुल में लगभग 8 स्पान हैं जो 25-25 मीटर के हैं।पहले ही गिरे हुए दो स्लैब का काम पूरा नहीं हुआ है और अब तीसरा स्लैब भी भरभराकार गिर गया है।

ऐसे में विभागीय निगरानी के साथ ठेकेदार द्वारा किए जा रहे कार्य की गुणवत्ता पर सवालिया निशान लगना लाजिमी है।अब देखना होगा कि जांच कब तक होती है दोषियों पर क्या कार्यवाही होती है।बहरहाल पुल का बार बार गिरना कहीं न कहीं भ्रष्टाचार के साथ पूरे प्रोजेक्ट की लंबी अनियमितता को बयां करता नजर आ रहा है।


पुल से जुड़े तथ्य - सेतु निर्माण विभाग 

निर्माण का नाम - गोतापारा रजौटी से नारायणपुर पहुंच मार्ग पर उच्च स्तरीय पुलिया 
लागत - 3.69 करोड़ (2009 के एसओआर से 17 प्रतिशत अधिक दर पर)
कार्य प्रारम्भ अनुबंध - वित्तीय वर्ष 2011-12 
प्रथम अनुबन्धक - टर्मिनेट 
द्वितीय अनुबंधक का नाम - अकुल देवकॉन अंबिकापुर 
कार्य प्रारम्भ  - वर्ष 2019 -2020 
कार्य पूरा करने का समय - वर्ष 2021 
पुल की लंबाई - 200  मीटर
स्पॉन - 8 (25 मीटर )
कार्य की वर्तमान स्थिति - 3 स्लैब  गिरे हुए ,कार्य अधूरा 


Post a Comment

0 Comments

जशपुर की आदिवासी बेटी को मिला Miss India का ख़िताब