... ब्रेकिंग पत्रवार्ता : ये क्या..? 7 साल के सजायाफ्ता शिक्षक का हो गया संविलियन।नाबालिग के अपहरण व अनाचार के आरोप में न्यायालय ने दोषसिद्ध कर आरोपी शिक्षक को भेजा था जेल,शिक्षा विभाग सवालों के घेरे में..?

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ब्रेकिंग पत्रवार्ता : ये क्या..? 7 साल के सजायाफ्ता शिक्षक का हो गया संविलियन।नाबालिग के अपहरण व अनाचार के आरोप में न्यायालय ने दोषसिद्ध कर आरोपी शिक्षक को भेजा था जेल,शिक्षा विभाग सवालों के घेरे में..?


जशपुर (पत्रवार्ता) यूँ तो जशपुर का शिक्षा विभाग अपने भ्रष्ट कारनामों से हमेशा सुर्खियों में रहता है।इस बार जशपुर शिक्षा विभाग में नई अंधेरगर्दी सामने आई है।

जिले के बगीचा विकासखंड में 13 वर्षीय बच्ची के अपहरण व अनाचार के सजायाफ्ता आरोपी शिक्षक का नियम विरुद्ध संविलियन कर दिया गया।वह भी कागजी कार्रवाई पूरी करते हुए ताकि कहीं किसी की गर्दन न फंस जाए।

खास बात यह कि बग़ीचा विकास खंड शिक्षा अधिकारी के संरक्षण में सारे नियम कानून को दरकिनार कर आरोपी शिक्षक का नियम विरुद्ध संविलियन भी कर दिया गया।वहीं जेल में निरुद्ध रहने के दौरान आरोपी शिक्षक का निलंबन नहीं किया गया बल्कि निलंबन दिखाने के लिए बाद में कागजी कार्रवाई कर ली गई और फिर उसका संविलियन कर उसे पदस्थ कर दिया गया। जिसके कारण आरोपी शिक्षक रामेश्वर यादव प्राथमिक शाला सेमरजोबला में अब तक अपने पद पर बना हुआ है और नियम विरुद्ध शासकीय सेवा का लाभ ले रहा है।

इतना ही नहीं न्यायालय द्वारा आरोपी शिक्षक को 7 साल जेल की सजा होने के बाद भी उसके बर्खास्तगी की कोई कार्रवाई नहीं की गई उल्टे उसका संविलियन कर उसे शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर पदस्थ कर दिया गया।

फिलहाल आरोपी शिक्षक बगीचा विकासखंड के प्राथमिक शाला सेमरजोबला में पदस्थ है।पीड़ित के परिजनों ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण अधिनियम के तहत आरोपी शिक्षक के निलंबन की गुहार जिला कलेक्टर से लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।

क्या है पूरा मामला


मामला है जशपुर के बगीचा विकासखंड का जहां शिक्षक रामेश्वर यादव पर बगीचा थाना में वर्ष 2013 में 13 वर्षीय बच्ची का अपहरण कर अनाचार समेत पोक्सो एक्ट का गंभीर अपराध दर्ज किया गया।जिसमें गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपी शिक्षक रामेश्वर यादव को सत्र न्यायालय में पेश किया जहां उसे न्यायालय द्वारा 28 फरवरी 2014 को दोषसिद्ध करते हुए सात साल की जेल व अर्थदंड की सजा सुनाई गई।


गिरफ्तारी की अवधि में जेल में निरुद्ध रहने के बावजूद विभाग द्वारा आरोपी शिक्षक को निलंबित नहीं किया गया वहीं दोष सिद्ध होने के बाद भी शिक्षक की बर्खास्तगी नहीं हुई जो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण अधिनियम के बिलकुल विपरीत है।इसके विपरीत विभागीय मिलीभगत और अपने रसूख का इस्तेमाल कर शिक्षक ने फिर से अपनी पोस्टिंग करा ली।


कलेक्टर को दिए गए आवेदन के अनुसार फिलहाल आरोपी रामेश्वर यादव हाईकोर्ट के जमानत पर जेल से बाहर है और विकास खंड शिक्षा अधिकारी के सांठगाठ से अपने पद पर बना हुआ है।चूंकि न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध करते हुए आरोपी शिक्षक को सात साल जेल की सजा सुनाई गई है इसके बाद भी आरोपी शिक्षक का पद पर बने रहना विभागीय लापरवाही को उजागर करता है।


शिक्षक के जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद परिजनों ने जिला कलेक्टर से मामले की शिकायत करते हुए आरोपी शिक्षक को बर्खास्त किये जाने की मांग करते हुए जांच की मांग की थी।

जिसके बाद कलेक्टर ने बगीचा जनपद सीईओ विनोद सिंह से पूरे मामले की  जांच कराई,,जांच में शिक्षक रामेश्वर यादव को गलत तरीके से संविलियन करने की बात सामने आई है।जांच अधिकारी ने जाँच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दिया है पर अब तक इस मामले में ना ही आरोपी शिक्षक पर कार्रवाई हुई और ना ही नियम विरुद्ध शिक्षक के संविलियन करने वाले दोषी अधिकारियों पर।अब रेप पीड़िता और उसके परिजनों ने दोषियों पर कार्रवाई कर न्याय दिलाने की मांग आला अधिकारियों से की है।

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