बिलासपुर(पत्रवार्ता.कॉम)भूपेश बघेल की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस आक्रामक हो गयी है। प्रदेश प्रवक्ता शैलेश पांडेय ने इसे लेकर प्रदेश के भाजपा सरकार के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किये हैं। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल को सीडी कांड में फंसाया जाना बहुत बड़ा राजनीतिक षड़यंत्र है। रमन सरकार को जनता आने वाले चुनाव में नकारने वाली है, जिसकी भनक उनको पिछले एक-दो वर्षों से हो गई है। लिहाज़ा जनता की आवाज को,अत्याचार और अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद तरीके से रखने वाले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को षड़यंत्र करके फंसाया जा रहा है।
सीडी बनाने वाले भाजपा के लोगों को सरकारी गवाह बना दिया गया है और सीडी लहराने वाले को आरोपी बना दिया गया है, ये कैसा कानून है। अंतागढ़ सीडी काण्ड में भी भूपेश जी ने सीडी लहराई थी, लेकिन उस मामले में आजतक चालान पेश नहीं सका। झीरम घाटी मामले में आज तक सीबीआई ने चालान पेश नहीं किया है, जितनी तत्परता इस मामले में सीबीआई ने दिखाई है, उतनी तत्परता झीरम घाटी में दिखती, तो कांग्रेस नेताओं के हत्यारे आज जेल में होते। इसका मतलब यह है कि सरकार कहीं न कहीं कानून में हस्तक्षेप करती है। अपनी टीम बी को बचाने सरकार के दबाव में अंतागढ़ मामले में कोई निर्णय नहीं हो सका।
राजनीतिक दबाव में स्थानीय पुलिस पहले मामले में एक्सट्रोशन की धारा लगाकार पत्रकार विनोद वर्मा को गिरफ्तार करती है, काफी मशक्कत के बाद जमानत में विनोद वर्मा जेल से बाहर आते हैं, और आज सीबीआई ने इस धारा को गलत ठहराते हुए हटा दिया। इससे मामले में सरकार का दबाव समझ में आता है।
पांडेय ने कहा कि प्रदेश के कुछ घटिया राजनीती करने वाले भूपेश बघेल के जेल जाने को सियासी खेल कह रहे हैं, लेकिन भूपेश बघेल ने जमानत कि अर्जी नहीं लगाकार साबित किया है कि वे दोषी नहीं है, जिसके लिए जमानत ले। उन्होंने जमानत को ना चुनते हुए जेल जाना ज्यादा पसंद किया, ये पुरे देश के लिए उदाहरण है।
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