👉 By Yogesh Thawait
जशपुर/पत्थलगांव(पत्रवार्ता.कॉम) तस्वीर देखकर चौंकिए नहीं!आप बिलकुल सही जा रहे हैं।आप इस तस्वीर को लेकर क्या सोच रहे हैं .यह तो नहीं पता पर इस तस्वीर के मायने अब समझ में आने लगे हैं।
जशपुर/पत्थलगांव(पत्रवार्ता.कॉम) तस्वीर देखकर चौंकिए नहीं!आप बिलकुल सही जा रहे हैं।आप इस तस्वीर को लेकर क्या सोच रहे हैं .यह तो नहीं पता पर इस तस्वीर के मायने अब समझ में आने लगे हैं।
दरअसल जशपुर जिले के पत्थलगाँव विधानसभा पर पत्रवार्ता की खबर # जंगी मुकाबला की सुगबुगाहट,दावेदार कौन ..? और # सावन में "शिवशंकर"का विरोध..? के बाद लगातार लोगों के पर्सनल मैसेज आने लगे इन्ही मैसेज के बीच एक पाठक ने यह तस्वीर भेज दी और आपको तो पता है तस्वीरें बोलती भी हैं।
आगामी विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बीच जिले की वर्तमान राजनीती की दिशा और दशा तय करने वाले दिग्गज रणविजय सिंह से हाथ मिलाते हुए कोई और नहीं बल्कि पत्थल्गाँव सीट से प्रबल दावेदार सालिक साय हैं जिन्होंने हाथ तो मिला लिया है और सब कुछ ठीक रहा तो दिल मिलने में वक्त नहीं लगेगा और जब दिल मिल गया तो मन मिलना तय है ।
स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के बाद जशपुर की राजनीति के धुरंधर कहें या यहाँ के तीनों विधानसभा सीट की लाज बचाने वाले रणविजय सिंह और कृष्ण कुमार राय जिनकी हरी झंडी के बाद ही उम्मीदवारी पर मुहर लगती आई है।वर्तमान परिवेश में भी कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है जिससे इतना तो तय है कि आगामी टिकटों का विभाजन भी सोच समझकर ही होगा जिससे एंटी इनकम्बेंसी का नुकसान पार्टी को न झेलना पड़े।
कारण स्पष्ट है बीजेपी ने 35 साल का रिकार्ड तोड़कर पत्थलगाँव सीट पर जीत तो हासिल कर ली पर उसे अक्षुण बनाये रखने में कहीं न कहीं विफल रही जिसके कारण लगातार अंदरखाने से विरोध के स्वर उभरने लगे हैं जिससे पत्थलगांव की सीट पर दबंग नेतृत्व की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
पत्थलगांव से अपनी दावेदारी
की शुरुआत करने वाले सालिक साय
केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय के साले
साहब हैं।कांसाबेल के पूर्व जनपद अध्यक्ष
भी रह चुके हैं।लोगों के बीच मिलनसारिता
और सरल स्वभाव के होने के कारण सामाजिक
पकड़ के साथ जातिगत पकड़ भी अच्छी मानी जा रही है।
आपको बता दें की इस विधानसभा में कँवर,नगेशिया,गोंड़ समेत अन्य वर्ग के खासे वोट हैं जिनपर सत्ता दल विशेष ध्यान दे रही है।हांलाकि इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए खुद केन्द्रीय मंत्री विष्णुदेव साय भी गाँव समाज के बीच पंहुचे थे और पार्टी हित में शिवशंकर को जीत दिलाने के लिए कड़ी मेहनत भी की थी।
फिलहाल केंद्रीय मंत्री के करीबी रिश्तेदार सालिक साय ने जनसंपर्क तेज कर दिया है और पार्टी की मजबूती के लिए खूब मेहनत कर रहे हैं।एक ओर जहाँ सावन में शिवशंकर भी गांव गांव तक पंहुच रहे हैं वहीँ सालिक साय ने भी हलचल बढ़ा दी है।
अब देखना दिलचस्प होगा की हाथ मिलने के बाद उम्मीदवारी की मुहर दिल के रास्ते कहाँ तक पंहुच पाती है।हालाँकि जब इस तस्वीर को लेकर राज्यसभा सांसद रणविजय सिंह से बात की गयी तो उनका इशारा बस इतना था कि "खुदी को कर बुलंद इतना,कि खुदा,खुद बन्दे से पूछे ,बता तेरी रजा क्या है" ..?
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