पत्थलगांव(पत्रवार्ता.कॉम) जब कलेक्टर दर पर किसी कर्मचारी को काम के लिए रखा जाता है तो प्रक्रिया के तहत उसकी भर्ती की जाती है।पर यहां मामला दूसरा है यहां तो ग्रेड 3 बाबू ने अपने अधीन 2 कर्मचारियों को काम पर रख लिया है।अब यहां अधिकारी की नही बाबू की ही चलती है।
यह पूरा मामला जशपुर जिले के पत्थलगांव का है जहां के एसडीएम कार्यालय में तृतीय वर्ग के शासकीय कर्मचारी ने अपने नीचे 2 लोगों को प्राइवेट तरीके से काम के लिए रखा है जहां पर शासकीय फाइलों और क्रियाकलापों की समस्त जानकारी बाहरी लोगों तक सार्वजनिक कर दी जाती है।
आपको बता दें कि इस तरह के कार्य किसी भी शासकीय कार्यालयों में नहीं किया जा सकता है लेकिन एसडीएम कार्यालय में तृतीय वर्ग के कर्मचारी द्वारा बिना किसी को सूचना दिए मनमाने तरीके से समस्त शासकीय कार्यों को उनसे कराकर गोपनीय शासकीय दस्तावेजों के समस्त जानकारियों को सार्वजनिक किया जा रहा है, और शासकीय नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है ।
बताया जाता है कि कार्यालय के शाम 5 बजे बन्द होने के बावजूद भी एसडीएम कार्यालय को कुछ नामी गिरामी लोगों के लिए रात 11 बजे तक बिना अधिकारियों को सूचना दिए कार्यालय के बाबू द्वारा खोला जाता है और कुछ चिन्हांकित लोगों को फायदा पहुंचाया जाता है, आपको बता दें कि गुप्त सूत्रों के हवाले से हमें ज्ञात हुआ है कि कार्यालय में काम करने वाला एक व्यक्ति पूर्व में एसडीएम कार्यालय का क्लर्क रह चुका है वहीं एक अन्य व्यक्ति निजी तौर पर ऑपरेटर का काम करता है, प्राप्त जानकारी के अनुसार एसडीएम कार्यालय के बाबू के कहने के आधार पर ही पूर्व क्लर्क फैसला लिखता है जिसे निजी ऑपरेटर के द्वारा टाइप किया जाता है।
इस तरह निजी लोगों से शासकीय कार्यों को कराने से शासन को कई तरह से नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।वहीं रात 11 बजे तक बिना अधिकारियों को सूचना दिए निजी लोगों को बैठाकर शासकीय कार्य कराए जाते हैं तो आप लोग सहज की अंदाजा लगा सकते हैं कि इसमें किस तरह का कार्य किया जाता होगा।
जिला कलेक्टर को इस तरह के कार्यों पर रोक लगाकर शासकीय कर्मचारियों पर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए जो कि अपने पद की आड़ में गैरकानूनी कार्यों को अंजाम देते हैं।
0 Comments