जशपुर(पत्रवार्ता.कॉम) पिछले तीन पीढ़ियों से हम जशपुर की सुरक्षा करते आ रहे हैं आगे भी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।पत्थरगढ़ी के नाम पर आदिवासी वर्ग को बांटने की कोशिशों के बीच यह बातें राज्यसभा सांसद रणविजय सिंह जूदेव ने कही हैं।उन्होंने कहा जल जंगल जमीन पर केवल आदिवासियों का हक है
असंवैधानिक कार्य करने वालो पर कार्यवाही की जिम्मेदारी प्रशासन पर।
जिले में यदि सामाजिक सद्भाव बिगड़ रहा हो तो प्रशासन की पूर्ण जवाबदेही होती है वहीं जिले की सुरक्षा के लिए जनप्रतिनिधि भी अपने कर्तव्य का निर्वहन बखूबी कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि राजा विजयभूषण सिंह जूदेव व स्व दिलीप सिंह जूदेव हमेशा से उद्योगों समेत अवांछनीय तत्वों से जिले को सुरक्षित रखने का प्रयास करते रहे।हम सबका दायित्व है कि हम सभी उस प्रयास को सतत बनाकर रखें।
"पत्थरगढ़ी के नाम पर जिले की शांत फिजा में घुलते सामाजिक विषमता के जहर का काट अब बीजेपी नेताओं ने ढूंढ लिया है।वे अपने लोगों को यह विश्वास दिला रहे हैं कि आप हम सुरक्षित हैं।यहां किसी प्रकार के उद्योगों की स्थापना नहीं होगी।यहां की संपदा पर आदिवासीयों का हक है।जिसकी सुरक्षा के लिए आदिवासी समुदाय के साथ हम हमेशा खड़े हैं।"
बीजेपी व सर्व आदिवासी समान आमने सामने।
सर्व आदिवासी समाज संविधान अनुरुप पत्थरगढ़ी की स्थापना को सही बता रहा है वहीं सत्ता दल के लोग एकजुट होकर इसके विरुद्ध मुखर हो गए हैं।आज बछरांव से कलिया तक सद्भावना यात्रा में केंद्रीय मंत्री विष्णु देव साय, रणविजय सिंह जूदेव,प्रबल प्रताप सिंह जूदेव समेत अन्य नेता व जनप्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।
संविधान को न मानने वाले पत्थरगढ़ी को तोड़ने का लिखित आदेश लेकर आएं।
सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले जिले के बगीचा विकासखंड के बछरांव में बीते 22 अप्रैल को पत्थरगढ़ी की स्थापना की गई जिसमें आदिवासी वर्ग के हितों के लिए संविधान में बने नियमों को उल्लेखित किया गया है।वर्ग विशेष के लिए बने संविधान को सबके सामने रखना कभी भी अलोकतांत्रिक नहीं हो सकता यह कहना है सर्व आदिवासी समाज का।नेताओं ने बताया कि सद्भावना यात्रा में पत्थरगढ़ी को तोड़ने की सुगबुगाहट है जो असंवैधानिक है। यदि उनके नियमों के साथ कोई असंवैधानिक कृत्य करेगा तो संवैधानिक तरीके से उसका जवाब दिया जाएगा।
शांतिपूर्ण होगी सद्भावना यात्रा
वहीं इस मामले पर रणविजय सिंह जूदेव ने बताया की पत्थरगढ़ी के नियमों का सही गलत जांच करना प्रशासनिक मुद्दा है।हमारी सद्भावना यात्रा शांतिपूर्ण होगी जिसमें कोई असंवैधानिक कार्य नहीं होगा।बीजेपी समेत अन्य आदिवासी नेता इसके लिए एकजुट हो गए हैं जो सद्भावना यात्रा के माध्यम से शांति का संदेश देने के लिए निकल रहे हैं।
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