रायपुर, टीम पत्रवार्ता, 31 जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ सरकार ने कृषि भूमि से जुड़ी गाइडलाइन दरों को लेकर ऐतिहासिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय (महानदी भवन) में हुई मंत्रीपरिषद की बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि के बाजार मूल्य निर्धारण संबंधी वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
क्या है बदलाव?
अब 500 वर्गमीटर तक की दर की जगह पूरे रकबे का मूल्यांकन हेक्टेयर के आधार पर किया जाएगा।
परिवर्तित भूमि के मूल्यांकन में सिंचित भूमि की ढाई गुना दर का प्रावधान समाप्त किया गया।
शहरी सीमा से लगे गांवों और निवेश क्षेत्रों की भूमि के लिए वर्गमीटर में दरें तय की जाएंगी।
इन बदलावों से क्या होगा?
✅ भूमि अधिग्रहण संबंधी विवादों में आएगी कमी।
✅ किसानों को मिलेगा पारदर्शी और न्यायसंगत मुआवजा।
✅ भारतमाला परियोजना और बिलासपुर के अरपा-भैंसाझार जैसे प्रोजेक्ट्स में सामने आई अनियमितताओं पर लगेगी रोक।
✅ राज्य की विकास परियोजनाओं को मिलेगी गति।
मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस निर्णय को नीति निर्माण की दिशा में दूरदर्शी कदम बताया। उन्होंने कहा कि,
> "यह फैसला किसानों और भूमि अधिग्रहण से प्रभावित हितग्राहियों के हित में ऐतिहासिक है। इससे न सिर्फ न्याय मिलेगा, बल्कि राज्य की विकास प्रक्रिया भी तेज होगी।"
नया मॉडल - पारदर्शी, सरल और विवाद-मुक्त
इस नए मूल्य निर्धारण मॉडल के जरिए छत्तीसगढ़ सरकार ने भूमि व्यवस्था में वर्षों से चली आ रही विसंगतियों और असमानताओं को दूर करने की ठोस पहल की है।
अब छत्तीसगढ़ में जमीन का मूल्य सिर्फ कागजों में नहीं, न्याय की जमीन पर तय होगा।
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