जशपुर, टीम पत्रवार्ता, 31 जुलाई 2025
जशपुर जिले के कोतबा चौकी क्षेत्र के ग्राम लकरामुड़ा में टोनही के शक में एक युवक और उसके परिवार पर जानलेवा हमला किया गया। घटना 26 जुलाई की शाम करीब 8:30 बजे की है, जब कुछ ग्रामीणों ने युवक को उसके ही घर से घसीटकर बाहर निकाला और टांगी व ईंट से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। बीच-बचाव करने आए उसके माता-पिता भी हमले का शिकार हुए।
मामले की जानकारी अनुसार, लकरामुड़ा निवासी ओमप्रकाश सोनी अपने घर के आंगन में खड़ा था, तभी पड़ोसी बलिचंद्र डहरे ने उस पर जादू-टोना कर अपने बच्चे की मौत का आरोप लगाया और गाली-गलौज करने लगा। ओमप्रकाश के विरोध करने पर बलिचंद्र ने जान से मारने की धमकी दी। कुछ ही देर बाद बलिचंद्र अपने परिजनों सूरज डहरे, सुदर्शन डहरे, माधुरी डहरे, शांति बाई डहरे और सदानंद डहरे के साथ ओमप्रकाश के घर में घुस गया। आरोपियों ने उसे घर से बाहर घसीटा और टांगी व ईंट से हमला किया, जिससे उसकी आंख और सिर में गंभीर चोटें आईं। हमले में उसके पिता के सिर में और मां के चेहरे व हाथ में भी चोटें आईं। तीनों घायलों को अंबिकापुर अस्पताल रेफर किया गया।
प्रार्थी की रिपोर्ट पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 296, 351(3), 115(2), 190, 191 तथा छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 की धारा 05 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों—बलिचंद्र डहरे, सुदर्शन डहरे, माधुरी डहरे और शांति बाई डहरे को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। दो अन्य आरोपी अभी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।
मामले की विवेचना चौकी प्रभारी उप निरीक्षक राकेश कुमार सिंह के नेतृत्व में की गई, जिसमें एएसआई अपलेजर खेस, आरक्षक बूटा सिंह, पवन पैंकरा, सुशील तिर्की और महिला आरक्षक तुलसी कोसले की सक्रिय भूमिका रही।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने बताया कि टोनही प्रताड़ना जैसा अंधविश्वास आधारित अपराध समाज के लिए घातक है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे जागरूक बनें, अंधविश्वास से दूर रहें और दूसरों को भी शिक्षित करें।



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