नई दिल्ली,टीम पत्रवार्ता 09 नवंबर 2019
देश में कड़ी चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की पांच जजों की बेंच ने अयोध्या मामले पर अपना फैसला दिया।जिसमें विवादित ढांचे की जमीन हिंदुओ को दिए जाने की बात मुख्य न्यायाधीश ने की है वहीं मुस्लिमों के मस्जिद के लिए अलग जमीन दी जाएगी।
गौरतलब है कि लंबे समय से अयोध्या में रामजन्म भूमि विवाद को लेकर कई याचिकाएं सुप्रीमकोर्ट में दायर की गईं थीं।जिसमें माननीय सुप्रीम कोर्ट ने फैसले की शुरुआत में शिया वक्फ बोर्ड समेत निर्मोही अखाड़े की याचिका को खारिज कर दिया।
अयोध्या मामले पर सुप्रीमकोर्ट ने कहा
सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए शांतिपूर्ण कब्जा दिखाना असंभव है - चीफ जस्टिस
रामलला विराजमान को मिला जमीन का मालिकाना हक,रामजन्म भूमि कानूनी व्यक्ति नहीं - SC
"सबूत पेश किये गए कि हिन्दू बाहरी अहाते में पूजा करते थे - SC"
ASI रिपोर्ट के मुताबिक नीचे मंदिर था - SC
मस्जिद किसने बनवाई स्पष्ट नहीं - SC
1856-57 के पहले आंतरिक अहाते में हिंदुओ पर कोई रोक नहीं थी - चीफ जस्टिस
मुसलमानों का बाहरी अहाते पर अधिकार नहीं रहा -(सुन्नी वक्फ बोर्ड यह सबूत नहीं दे पाया कि यहां उसका एकाधिकार था)- चीफ जस्टिस
मुस्लिमों को मस्जिद के लिए दूसरी जगह मिलेगी - SC
मंदिर के लिए सरकार ट्रस्ट बनाएगी।विवादित ढांचे को हिंदुओं को दिया जाए - SC
फिलहाल अधिग्रहित जगह रिसीवर के पास - SC
विवादित जमीन हिंदुओ को - SC
सभी जजों की सहमति से फैसला।
मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन देगी सरकार- SC
इस वक्त की बड़ी खबर सिर्फ पत्रवार्ता पर।सुप्रीमकोर्ट ने राम जन्मभूमि न्यास को विवादित ढांचा पर हक दिया है।मंदिर के लिए सरकार ट्रस्ट बनाएगी वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड को उचित व खास स्थान पर अयोध्या में 5 एकड़ जमीन मस्जिद के लिए दिया जाए।
अब अयोध्या में राम मंदिर का बनने का रास्ता साफ हो गया है।
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