जशपुर,टीम पत्रवार्ता,23 सितम्बर 2019
प्रदेश की संवेदनशील सरकार में आज भी चिकित्सक असंवेदनशील नजर आ रहे हैं।उन्हें यह भी नहीं पता कि वे जनता के सेवक हैं और मरीज का ईलाज ही उनका धर्म है।सोशल मिडिया के माध्यम से पत्रवार्ता तक पंहुचे इस 2 मिनट 58 सेकेण्ड के विडियो में चिकित्सक ने मानवता की हदों को पार करते हुए अपनी ऐसी ऐंठ दिखाई कि मरीज के परिजन ने अंततः डाक्टर से कहा ...
आपका जो काम है वो करिए आप,डाक्टर साहब आप यहाँ फ्री का पैसा कमाने के लिए नहीं बैठे हैं,पब्लिक के नौकर हैं सेवा करने के लिए घर में बैठेंगे क्या ...?बस क्या था इतना सुनते ही डाक्टर भी आगबबुला हो गए और कह दिया जाओ जो करना है कर लो .....
और भी बहुत कुछ देखिये
वायरल वीडियो
(सोशल मिडिया से प्राप्त )
दरअसल यह वीडियो जशपुर जिले के तपकरा ग्राम स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है जहाँ पदस्थ डॉक्टर सुबल प्रसाद पैंकरा और बच्चे के इलाज के लिए पहुंचे ग्रामीण अजय चौधरी के बीच डाक्टर की अनुपस्थिथि को लेकर जमकर बहस हुई और माहौल गर्म हो गया।यह वीडियो सोशल मिडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
बच्चे के ईलाज के जब एक पिता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पंहुचा तो वहां न तो डाक्टर थे न कोई ईलाज करने वाला।पता चला कि एक महिला चिकित्सक कहीं गई हुई है और यहाँ पदस्थ डाक्टर अपने घर में हैं।बस क्या था ईलाज के लिए लाचार पिता अपने बच्चे के ईलाज के लिए डाक्टर के घर पंहुच गया यहाँ भी काफी जद्दोजहद के बाद डाक्टर साहब निकले और अस्पताल पंहुचे।
थोड़ी देर बाद जब डॉक्टर साहब आए तो बच्चे के पिता अजय चौधरी और डॉक्टर के बीच जमकर बहस होने लगी और देखते ही देखते डाक्टर की गैर जिम्मेदाराना रवैये को लेकर जमकर कहासुनी हुई। जिसके बाद अजय चौधरी अपने मोबाईल से वीडियो बनाते हुए डॉक्टर से अपनी बात रखने लगा। और फिर हो गया हंगामा ....
सोशल मिडिया में यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है।वहीं प्रदेश की संवेदनशील सरकार में ऐसे असंवेदनशील चिकित्सकों के कारण प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर कई सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।वहीँ प्रदेश के स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति का खुलासा भी हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि जशपुर जिले के एक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह पहले भी ऐसा ही मामला आया था जिसमें चिकित्सकों के अस्पताल में उपस्थित नहीं रहने पर एक दुर्घटना के बाद ग्रामीणों ने वीडियो बनाकर जमकर नाराजगी व्यक्त की थी।
वीडियो में डाक्टर अपनी सफाई में महिला चिकित्सक के बैठे होने की बात कहता दिख रहा है हांलाकि जब पीड़ित बच्चे के पिता वहां पंहुचे थे तो उस समय महिला चिकित्सक भी वहां से नदारद थी जो कुछ देर बाद आई।फिलहाल देखना होगा की ऐसे असंवेदनशील चिकित्सक को सरकार संवेदनशीलता का पाठ कैसे पढ़ाती है।
0 Comments