जशपुर/पत्थलगाँव(पत्रवार्ता) एक बार फिर से जशपुर में पीडीएस के
बड़े चावल घोटाले की सुगबुगाहट तेज हो गई है।इस बार मामला है
पुरे एक ट्रक चावल का जो रायगढ़ से निकलने के 40 दिनों बाद भी जशपुर नहीं पंहुचा है।मजे
की बात यह है कि ग़रीबों के हक़ पर हाथ साफ करने वाले इन रसूखदारों पर अब तक न तो एफ़आईआर दर्ज कराई गई है न तो कोई
कार्रवाई की गई है।हांलाकि गुपचुप तरीके से मामले की पूरी जाँच होने की बात भी सामने आ रही है पर चावल कहाँ गया यह कोई बताने को तैयार नहीं।
क्या था मामला
बीते 16 अक्टूबर को नागरिक आपूर्ति निगम के रायगढ़ गोदाम से 310 क्विंटल चावल जशपुर जिले में पीडीएस के लिए भेजा गया था।जो 40 दिनों बाद भी जशपुर नहीं पंहुचा पाया है।लगभग 12 लाख की सरकारी चावल बताई जा रही है।इस पुरे मामले में जशपुर के अधिकारी अपने रायगढ़ कार्यालय को जानकारी दिए जाने की बात कह रहे हैं वहीँ न तो ट्रांसपोर्टर को अब तक ब्लेक लिस्टेड किया गया है न तो उसपर कोई कार्रवाई की गई है।
सीडब्ल्यूसी-2 गोदाम रायगढ़ से चावल से भरा एक ट्रक लोड होकर जशपुर के लिए निकला था। पीडीएस में राशन दुकानों के माध्यम से गरीबों में बंटने
वाला यह चावल जशपुर व कुनकुरी भेजा गया था।16 अक्टूबर
को ट्रक क्रमांक सीजी 15 एसी 5184 में 310 क्विंटल
चावल लोड कर रवाना किया गया। चावल के परिवहन के लिए ट्रांसपोर्टर अनिल गोयल को काम
मिला हुआ था।गाड़ी रायगढ़ से निकल गई लेकिन जशपुर नहीं पहुंची।
खोजबीन की गई तो पता
चला कि इस सरकारी चावल को कोतबा में बेचे जाने की पूरी कोशिश हुई जब इसमें वे सफल नहीं हुए तो पत्थलगाँव के किसी राइस मिल में चावल से लदी ट्रक रहस्यमय तरीके से खाली करा ली गई।
अफसरों
को अंदेशा था कि इसे कोतबा की किसी राइस मिल में खपाया गया था। हांलाकि पुलिस व
विभाग के अफसर सही समय पर इसकी तस्दीक नहीं कर सके। अब पीडीएस का सरकारी चावल अपने
गंत्वय पर नहीं पहुंचा तो अफसरों ने पुलिस को सूचना देकर अपना पीछा छुड़ा लिया
लेकिन दोषी ट्रांसपोर्टर को अब तक ब्लेक लिस्टेड नहीं किया जा सका है और उसपर एफआईआर भी नहीं किया गया है।
अब घटना को पूरे 40 दिन
गुजर चुके हैं लेकिन नान के अफसर ट्रांसपोर्टर का पेमेंट रोकने की बात कहकर अपनी
ओर से सफाई दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि जिले में साल 2015 में
सारंगढ़ के गोड़ा में ऐसा ही मामला सामने आया था और पीडीएस के निकले सरकारी चावल को
राइस मिल के स्टाक से बदल दिया गया था। अब नान के इस गुम चावल वाले मामले में भी
ऐसी ही आशंका जताई जा रही है।आपको बता दें की यह कोई पहला मामला नहीं जशपुर में कागजों में चावल की आवक दिखाने के और भी मामले हैं पर इस बार सच सामने आने से अधिकारी भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं।
ट्रांसपोर्टिंग के लिए पेटी कांट्रेक्ट
नान
ने जशपुर सरगुजा में चावल भेजने के लिए अनिल गोयल से एग्रीमेंट किया हुआ है।अंबिकापुर का यह ट्रांसपोर्टर विभाग में कई सालों से ट्रांसपोर्टिंग का काम कर रहा
है लेकिन सरकारी चावल की सप्लाई के लिए अपनी अनुबंधित ट्रकों की जगह पेटी
कांट्रेक्ट में दूसरे ट्रांसपोर्टरों से परिवहन करवा रहा था।
16 अक्टूबर को भी यही हुआ था।नान के अफसर ने बताया कि मामले की जांच क्राइम ब्रांच को दी गई थी लेकिन क्राइम ब्रांच प्रभारी एसएन सिंह इससे इंकार कर रहे हैं। जूटमिल चौकी प्रभारी अंजना केरकेट्टा ने बताया कि चावल पत्थलगांव में ही मिल गया था और अब आगे की कार्रवाई नान वाले करेंगे। वहीं अब मैनेजर ट्रांसपोर्टर का पेमेंट रोकने की बात कहकर अपनी सफाई दे रहे हैं।आपको बता दें की बीते दिनों क्राईम ब्रांच द्वारा ट्रक ड्राइवर के माध्यम से चावल की खोजबीन कर लिए जाने की खबर वायरल हुई थी जिसके बाद स्थानीय पत्थलगाँव पुलिस द्वारा भी मामले की जाँच की गई थी।यहाँ तक की रायगढ़ में इस मामले को सेट करने के लिए लाखों की डील की बात भी सामने आ चुकी है।
"नागरिक आपूर्ति निगम के मैनेजर आदि नारायण का कहना है कि रायगढ़
से जशपुर के लिए निकले पीडीएस के चावल के गुम हो जाने के मामले में हमनें
ट्रांसपोर्टर पर कार्रवाई की है। विभाग से उसका पेमेंट रोक दिया गया है।
ट्रांसपोर्टर को पीडीएस के परिवहन के लिए ब्लेक लिस्टेड करने के लिए भी अनुशंसा की
हुई है।"
सरकारी चावल के अफरातफरी के मामले में अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं किये जाने से यहाँ नान समेत क्राईम ब्रांच की भूमिका को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं।वहीँ रायगढ़ व जशपुर का स्थानीय प्रशासन भी सवालों के घेरे में है।
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