बिलासपुर(पत्रवार्ता.कॉम)चुनावी सरगर्मी के बीच प्रदेश के हॉट सीट बिलासपुर विधानसभा का सियासी रोमांच चरम पर है। काँग्रेस जहां पूर्व विधायक व भाजपा सरकार के नाकामी के मुद्दे को लेकर जनता के बीच जा रही है वहीं भाजपा विकास के दावे के दमपर जनता का समर्थन लेने की कोशिश में है।
बीते 20 वर्षों से शहर सत्ता में भाजपा काबिज है,अमर अग्रवाल सत्ता के नेता रहे हैं। प्रदेश का दूसरा बड़ा शहर होने के कारण यहां विकास की संभावनाएं ज्यादा रहीं हैं लेकिन ये संभावनाएं इतने वर्षों बाद भी संभावनाएं ही नज़र आ रहीं हैं।
शहर के सड़क से लेकर नाली,पानी,सफाई जैसी मूलभूत सुविधाएं तक अब तक दुरुस्त नही हो पायीं है। सीवरेज योजना बीते 10 वर्षों से शहर का दर्द बनी हुई है, चुनाव के कुछ महीने छोड़ दें तो बाकी पूरे साल शहर की सड़के जगह-जगह खुदी हुई रहती है। लोग गड्ढे में गिरने और धूल फांकने को मजबूर रहते हैं। बजबाज़ती नालियों का नज़ारा आम है। पेयजल का भी यही हाल है लोगों को साफ पानी तक नही मिल रहा है। अपने बदहाली पर रोती अरपा आजतक टेम्स बनने का इंतज़ार ही कर रही है। बदहाल ट्रैफिक में शहर की जनता उलझी हुई है।
इन सब से परे एकबार फिर शहर की जनता के आंख में धूल झोंकने की योजना पर काम शुरू हो गया है। रातों रात सड़क के ऊपर सड़क, नाली के उपर नाली, रंग के ऊपर रंग चढ़ाया जा रहा है। सबकुछ चकाचक करने की हड़बड़ी ऐसी है कि चुनाव से पहले सब दुरुस्त हो जाए और जनता इस चुनावी विकास को देखकर उन्हें फिर से वोट दे दे।
बहरहाल फैसला जनता के हाँथ में है, कि उन्हें विकास के नाम पर छलावा करने वाले या फिर बदलाव के साथ नए सोच को मौका देना है।
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