रायपुर(पत्रवार्ता) आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जहाँ बीजेपी मिशन 65 प्लस की तैयारी में जुटी हुई है वहीँ टिकट वितरण के बाद जशपुर की पत्थलगाँव सीट पर एंटी इनकम्बेंसी को लेकर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
दरअसल यहाँ से बीजेपी पार्टी संगठन ने पूर्व विधायक शिवशंकर साय पैंकरा को फिर से टिकट दिया है।आपको बता दें कि पत्थलगाँव विधानसभा पिछले 35 वर्षों से कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है जिसपर कांग्रेस के रामपुकार सिंह हमेशा जीत दर्ज कराते आये हैं।वर्ष 2013 के चुनाव में यहाँ से शिवशंकर साय पैंकरा को मौका दिया गया और 3909 मतों से उन्होंने जीत हासिल कर 35 वर्षों के रिकार्ड को ध्वस्त कर दिया जिसके बाद पार्टी में उन्हें संसदीय सचिव के पद से नवाजा गया।
पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल में पत्थलगाँव
में मौजूदा विधायक को लेकर एंटी इनकम्बेंसी
का माहौल बना हुआ है इसके बाद भी
पार्टी द्वारा पूर्व विधायक शिवशंकर साय
पैंकरा को फिर से टिकट दिए जाने से
इस बार पत्थलगाँव की सीट को हाशिये
पर माना जा रहा है जहाँ भीतरघात
की प्रबल सम्भावना नजर आ रही है।
प्रदेश में एंटी इनकम्बेंसी से बचने के लिए पार्टी ने नए चेहरों को मौका दिया है।जिसमें जशपुर व कुनकुरी में पूर्व विधायकों को हटाकर यहाँ भी नए चेहरे सामने लाए गए हैं।पर जिले की सबसे संवेदनशील सीट पत्थलगाँव को लेकर संगठन बिलकुल गंभीर नहीं यहाँ नए चेहरे को स्थान देने के बजाए उसी चेहरे को स्थान दिया गया है जिससे यहाँ का सियासी माहौल कांग्रेस के पक्ष में बनता नजर आ रहा है।
बात करें पत्थलगाँव के सियासी जमीन की तो यहाँ कँवर,आदिवासी,गोंड,नगेशिया समेत जनजातीय समुदाय का ख़ासा वोट बैंक है वहीँ क्रिश्चन समुदाय के सामान वोट बैंक में जनजातीय समुदाय के वोट कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करते हैं।वहीँ इस विधानसभा क्षेत्र के कांसाबेल,कोतबा इलाके में शिवशंकर का खासा विरोध है जिससे पार्टी को खासा नुकसान हो सकता है।
बीजेपी के लिए शिवशंकर के चेहरे
को लेकर जनजातीय समुदाय में भी
खासा विरोध है।कँवर समुदाय के
बड़े नेता की बात मानें तो कँवर
समुदाय के बीच ही शिवशंकर का
खासा विरोध है।ऐसे में यदि जनजातीय
समाज एकजुट नहीं हुआ तो पत्थलगाँव
की सीट पर बीजेपी की
जीत आसान नजर नहीं आ रही।
प्रदेश संगठन द्वारा हर हाल में जीतने वाले उम्मीदवार पर फोकस किया गया है पर पत्थलगाँव सीट को लेकर लिए गए गलत निर्णय से पार्टी के लोग भी सकते में हैं जो उनके लिए बेहद चुनौती भरा है।खास बात यह कि यहाँ एंटी इनकम्बेंसी के कारण भीतरघात से पार्टी को खासा नुकसान हो सकता है।
इस सीट पर टिकट की दावेदारी के लिए शिवशंकर समेत सालिक साय,रवि परहा,रोशन प्रताप,आरएन साय के नाम की चर्चा थी वहीँ यह भी चर्चा थी कि यदि कांग्रेस के अघोषित प्रत्याशी रामपुकार सिंह चुनाव मैदान में आते हैं तो जनजातीय समीकरण को संतुलित करने के लिए पूर्व मंत्री गणेश राम भगत को पत्थलगाँव सीट से बीजेपी का टिकट दिया जा सकता है ।
बहरहाल पूर्व मंत्री गणेश राम भगत को बड़ी जिम्मेदारी के साथ पार्टी में वापसी की बात चल रही थी लिहाजा बीती रात प्रदेश संगठन ने पूर्व मंत्री गणेश राम भगत को पुनः पार्टी में ले लिया है जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि पत्थलगाँव सीट को सुरक्षित रखने के लिए पूर्व मंत्री गणेश राम भगत के नाम पर विचार किया जा रहा है,संभवतः पत्थलगाँव सीट पर बीजेपी प्रत्याशी बदले जाने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है ।
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