By ऋषि थवाईत
कांसाबेल/पत्थलगांव (पत्रवार्ता) पत्थलगांव विधानसभा आगामी चुनाव के मध्य नज़र सबसे अहम है क्यों कि 2013 में 40 सालों के वनवास के बाद भाजपा के शिव शंकर ने कांग्रेस के अभेद गढ़ कहे जाने वाले इस विधानसभा में अपनी जीत का परचम लहराया था।
इस बार भी तमाम अटकलों और विचारों के समुद्र मंथन के बाद आज भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पत्थलगांव के इस चुनावी महाभारत में शिवशंकर को ही अपना अर्जुन बना कर फिर से विश्वास जताया है और उम्मीद है कि 2013 से अच्छे परिणाम इस बार दोहराये जा सकें।
जैसे है यह खबर कार्यकर्ताओं के बीच पहुंची उनमे उत्साह और जोश देखते ही बन रहा था वही कुछ ऐसे कार्यकर्ता भी दिखे जो उनके समर्थक को टिकट न मिल पाने से दुखी थे।
भाजपा उम्मीदवार शिवशंकर ने पत्रकारों से फ़ोन में बात करते हुए कहा कि वे शीर्ष नेतृत्व का धन्यवाद देते है कि उन्होंने कहा कि उनके कार्यकर्ता ही उनकी ताकत हैं और सभी साथ लेकर इस चुनाव में भाजपा की जीत के लिए उतरेंगे।
वही भाजपा कांसाबेल मंडल अध्यक्ष ने पत्रकारों से बात करते हुए सर्वप्रथम सभी उम्मीदवारों को बधाई दी कहा कि ऐसे चुनावी माहौल में कार्यकर्ताओं को लगन के साथ मेहनत करनी चाहिए और अपील की कि वे एक दूसरे से कंधे से कंधा मिलाकर देश और पार्टी के लिए काम करें।
वही इस कांटे के मुकाबले में अब ये तो वक़्त ही बताएगा कि रामपुकार और शिवशंकर के बीच इस चुनावी युद्ध मे विजयपताका शिव की होगी या शिव भक्त राम की।फिलहाल शिवशंकर के सामने एक चुनौती ये भी है कि उनके रथ का इस बार सारथी कौन होगा ...?
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