... सियासत:-चुनावी समर में डटकर मुकाबला करना पहला लक्ष्य,हार जीत बाद की बात

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सियासत:-चुनावी समर में डटकर मुकाबला करना पहला लक्ष्य,हार जीत बाद की बात




पत्थलगाँव (प्रदीप ठाकुर,पत्रवार्ता) यूँ तो बुलंद हौसलों के साथ हर कोई उम्दमीवार चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमाने के लिए खड़ा है .....पर.... तब बुलंदी और भी मजबूत हो जाती है जब हौसला इस कदर हावी हो कि जीत हार से डर से भी किसी के पैर न डगमगाए .....

जीहाँ हम बात कर रहे हैं जनता कांग्रेस के प्रत्याशी एमएस पैंकरा कि जिन्होंने पत्थलगाँव विधानसभा सीट से अपनी दावेदारी की है ....सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार किसी राजनैतिक दल के द्वारा उनसे चुनाव न लड़ने की बात की गई जिसपर उनका जवाब था "हार मिले या जीत चुनाव तो लडूंगा"....अब आप समझ गए होंगे कि जनजातीय समीकरण क्या होगा और किसको इससे नुकसान हो सकता है .....?

आपको बता दें कि इसी विधानसभा सीट से बीजेपी के प्रत्याशी शिवशंकर साय पैंकरा दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं वहीँ कांग्रेस से अब तक रामपुकार सिंह का नाम सामने आ रहा है जिन्हें अभी से लोगों का खासा समर्थन प्राप्त हो रहा है ....

पत्थलगाँव सीट की बात करें तो 35 वर्षों से यह कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है जिसे कांग्रेसी अभेद गढ़ के रुप में मानते आये हैं ....पिछले विधानसभा चुनाव में एकमात्र कारण परिवर्तन को लेकर बीजेपी को यह सीट मिली जिसके बाद इस सीट की जीत से जिले की राजनीति चमक उठी और कई नेताओं को जिम्मेदार पदों पर भी बैठाया गया ..... 

अब जब चुनाव बेहद करीब है फिर से राजनीती चमकाने की कवायद शुरू हो गई है .....पर पत्थलगाँव की सियासत पर इस बार रियासत का कितना असर होगा यह तो वक्त ही बताएगा ...फिलहाल जनजातीय समीकरण देखें तो 

कँवर,पैंकरा,नगेशिया आदिवासी वोट बीजेपी,जनता कांग्रेस और कांग्रेस तीनों में बंटते नजर आ रहे हैं ...यहाँ क्रिश्चन समुदाय के परम्पगत वोट कोंग्रेस को मिलते आये हैं लिहाजा रामपुकार की जमीनी पकड़ के साथ स्थानीय रुझान का फायदा कांग्रेस को इस बार मिल सकता है .....


वहीँ बीजेपी प्रत्याशी शिवशंकर साय की मानें तो उनका कहना है कि चुनाव में जीत हासिल करने के लिए बूथ जीतना जरूरी होता है।बूथ जीतो चुनाव जीतो की रणनीति पर उन्होंने कार्यकर्ताओं को चुनावी मन्त्र देना शुरू कर दिया है। शिव शंकर के अनुसार  बूथ कमेटी बेहद महत्वपूर्ण है जिसके दम पर चुनाव जीता जा सकता है ।फिलहाल असंतुष्ट कार्यकर्ताओं के साथ बैठकों का दौर जारी है और संगठन को एक सूत्र में पिरोने का प्रयास जारी है ......फिलहाल शिवशंकर ने किलकिला महादेव से आशीर्वाद लेकर चुनावी बिगुल फूंक दिया है और इस चुनाव समर में डटकर मुकाबला करने के लिए तैयार हैं.....



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