जशपुर(patravarta.com) प्रदेश के कद्दावर आदिवासी नेता व पूर्व मंत्री गणेश राम भगत की बीजेपी में वापसी को लेकर लगाए जा रहे कयासों पर अब विराम लगता नजर आ रहा है।सूत्रों के हवाले से खबर है कि विपक्षी पार्टी कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की पूर्व मंत्री के साथ होने वाली मीटिंग को लेकर अंदरखाने में हलचल तेज है।
दरअसल आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अटकलें तेज थीं कि पूर्व मंत्री गणेश राम भगत को 65 प्लस के मद्देनजर बीजेपी में वापसी के साथ बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है वहीं संघ द्वारा भी पूर्व मंत्री की पुनःपार्टी में वापसी को लेकर केंद्रीय संगठन को प्रस्ताव भेजा जा चुका था।इसके बाद भी संगठन के द्वारा जमीनी आदिवासी नेता को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया।
उल्लेखनीय है कि पूर्व मंत्री गणेश राम भगत अविभाजित मध्यप्रदेश शासन काल मे 1990 से 1993 तक संसदीय सचिव रह चुके हैं।वहीं 25 वर्षों तक बगीचा व जशपुर से विधायक होने के साथ आदिवासी मंत्री समेत कई अहम पदों पर अपनी सेवा दे चुके हैं।2013 के विधानसभा चुनाव में पार्टी से टिकट न दिए जाने के कारण उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा जिसमें उनकी हार हुई और पार्टी से बगावत करने के कारण उन्हें बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया।
इसके बाद भी पूर्व मंत्री जनजातीय सुरक्षा मंच के साथ मिलकर आदिवासी हितों की आवाज बुलंद करते रहे।पिछले 10 वर्षों से हिंदुत्व,धर्मांतरण व नक्सल मुद्दे पर बेबाकी से अपनी बात रखते हुए उन्होंने जनजातीय समुदाय के बीच अच्छी पकड़ बनाई है।
वहीं पार्टी संगठन द्वारा अब तक गणेश राम भगत की वापसी को लेकर कोई प्रयास नहीं किया गया है।यह बात तब और भी मजबूत हो गई जब उन्हीं के तैयार किये हुए नेता गोविंद राम भगत को बीजेपी ने अपना प्रत्याशी चुना और गोविंद ने माता के मंदिर में मत्था टेकने के बाद कल्याण आश्रम होते हुए सीधे अपने नेता गणेश राम भगत का आशीर्वाद लेने उनके घर पंहुच गए।
आपको बता दें कि गोविंद राम मनोरा क्षेत्र से हैं और पूर्व मंत्री की उस इलाके में खासी पकड़ है लिहाजा उन्होंने पहले पूर्व मंत्री का आशीर्वाद लेकर अपना चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है।
पूर्व मंत्री गणेश राम भगत को लेकर बीजेपी संगठन गंभीर नहीं जिसके कारण अब विपक्षी कांग्रेस इस जमीनी नेता का फायदा उठाने की जोर जुगत में लगी हुई है।सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस इस जमीनी नेता के आदिवासी वोट बैंक व जनजातीय समीकरण से भलीभांति परिचित है वह हर हाल में पूर्व मंत्री को कांग्रेस में शामिल किए जाने की कोशिश में लगी हुई है।
खबर यह भी है कि बहुत ही जल्द कांग्रेस के किसी बड़े नेता के साथ पूर्व मंत्री की मुलाकात हो सकती है जिसके लिए कांग्रेसी एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं।फिलहाल इस खबर से जिले की राजनैतिक फिजा गर्म है जिसका सीधा असर जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर देखने को मिल सकता है।
"पूर्व मंत्री गणेश राम भगत आदिवासी जमीनी नेता हैं,उनका खासा जनाधार है,65 प्लस के मद्देनजर यदि उनकी वापसी होती है तो बीजेपी को इसका खासा लाभ मिलेगा।यदि वे बीजेपी में आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है।"
ओमप्रकाश सिन्हा, जिलाध्यक्ष,बीजेपी।
"हिंदुत्व,जनजागरण,धर्मांतरण व नक्सलवाद के खिलाफ आवाज बुलंद करते आये हैं।पार्टी से निष्कासित किये जाने के बाद भी जनजातीय समाज के हितों की रक्षा के लिए पिछले 10 वर्षों से प्रयास कर रहे हैं।पार्टी संगठन का निर्णय सर्वोपरि है।लंबे समय से सुनने में आ रहा है कि पूर्व मंत्री की वापसी होगी पर अभी तक संगठन द्वारा कोई निर्णय मुझे नहीं मिला है।बीजेपी की नीति के संवाहक है और हमेशा रहेंगे।"
गणेश राम भगत,पूर्व मंत्री।
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