रायपुर(पत्रवार्ता)। छत्तीसगढ में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी चौथी बार सरकार बनाने के लिए तरह तरह के रणनीति तैयार कर रही है।
चुनाव को लेकर सभी पार्टियां तैयारी में जुट चुकी है,रायपुर के दो दिवसिय दौरे पर पहुंच रहे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शक्ति केन्द्र प्रभारियों की बैठक लेंगे एवं चुनावी रणनीति के बारे में जानकारी देंगे।
बताया जा रही है कि बस्तर एवं सरगुजा संभाग में वर्तमान विधायकों की बड़ी संख्या में टिकट काटने की तैयारी में है,और नये चेहरे को मौका मिलने की पुरी संभावना है,भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात विधानसभा चुनावों में भी मौजूदा विधायकों को टिकट न देने का फॉर्मूला अपना चुकी है, जो काफी सफल हुआ था।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि उम्मीदवार बदलने से किसी भी पार्टी को फायदा होता है। क्योंकि जनता का गुस्सा मौजूदा विधायक के प्रति होता है, जो उसी के साथ रह जाता है और जनता एक बार फिर पार्टी पर भरोसा करने का कदम उठा लेती है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही एेसे फार्मूलों पर काम करती रही है। 2013 के विधानसभा चुनाव में दोनों ही पार्टी ने नए चेहरों पर बड़ा दांव खेला था। जनता ने 90 में से 49 नए चेहरे को विधानसभा भेजा था।
भाजपा ने जिन 13 विधायकों के टिकट काटे थे, उनकी जगह 8 विधायकों ने चुनाव जीता था।शाह ने प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक से साफ कह दिया है, 65 सीट से कम की बात नहीं होगी। हालांकि, मिशन 65 प्लस को पूरा करने के लिए शाह खुद छत्तीसगढ़ का दौरा कर चुके हैं।
छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सरगुजा का मिशन काफी दिलचस्प रहने वाला है।चौथी बार सरकार बनाने की जुगत में बीजेपी की निगाहें इस बार सरगुजा संभाग की 14 विधानसभा की सीटों पर है। आपको बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस को सरगुजा की 14 में से 7-7 सीटों पर बराबर सीटें मिली थीं|
14 सीटों के समीकरण को देखे तो सरगुजा जिले में 3 सीटें हैं और तीनों ही सीटें कांग्रेस के पास हैं।वहीं जशपुर जिले की भी 3 सीटों पर बीजेपी काबिज है,जिसमे जशपुर एवं कुनकुरी सीट बीजेपी के लिए सुरक्षित माना जा रहा है,परन्तु इन सीटों में भी प्रत्याशी बदले जाने की संभावना बताई जा रही है।
लेकिन पत्थलगांव सीट पर वर्तमान विधायक की कार्यशैली को लेकर कार्यकर्ताओं में उपजे विरोध से पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी है,चुनाव में बीजेपी के शीर्ष नेता भी मानते हैं कि सरकार बनाने के लिए सरगुजा संभाग के विधानसभा सीट की जीत ही तय करती है।वैसे में देखना होगा की बीजेपी किसकी पत्ता साफ कर, किसे आजमाती है।
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