शराबखोरों की सुविधा बढ़ी लेकिन शहर वासियों को कुछ नही मिला।
बिलासपुर(पत्रवार्ता. कॉम) शहर की बदहाली व निगम प्रशासन की लापरवाही को लेकर नगरीय प्रशासन विभाग व मंत्री एक बार फिर काँग्रेस के निशाने पर हैं। काँग्रेस प्रवक्ता शैलेष पांडेय ने शहर के विकास को 20 साल पीछे ले जाने का आरोप लगाते हुए इसका ठीकरा नगरीय प्रशासन मंत्री पर फोड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नगरीय प्रशासन विभाग का बजट वर्ष 2002- 2003 मे 167 करोड था। जो अब 2018 मे बढ़कर 3357 करोड के साथ 20 गुना अधिक हो गया है। बावजूद विकास के नाम पर केवल भ्रस्टाचार का नज़ारा हर तरफ सबके सामने है।
नगरीय प्रशासन मंत्री का शहर इसका सबसे बड़ा प्रमाण है जो 20 वर्ष पीछे चला गया है। स्थानीय विधायक होने के बावजूद 10 वर्षों से लोग शहर में जगह - जगह गड्ढ़ों से रोजाना संघर्ष कर रहे हैं। उड़ते धूल व गंदगी से बीमार हो रहे हैं। पेयजल व्यवस्था हो या फिर साफ - सफाई, सबका हाल बुरा है। नालियां जाम है, नालों का गंदा पानी व मलबा सड़कों पर पसरा है। पार्किंग व्यवस्था, अरपा बदहाल है। सरकारी निर्माण कार्य, फ्लाईओवर के निर्माण के नाम पर खुला भ्रस्टाचार का सच सबके सामने है।
पांडेय ने नगरीय प्रशासन मंत्री पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मंत्री बताएं शहर का विकास कहाँ हुआ है। बढ़े बजट का लाभ किसको मिल रहा है। विकास के नाम पर इतने पैसों को कहाँ खर्च किया जा रहा है ?
पांडेय ने आरोप लगाया है कि सरकार व उसके हुक्मरान विकास के नाम पर केवल लोगों को गुमराह कर रहे हैं। असल मे विकास के नाम पर खुला भ्रस्टाचार कर शहरों को 20 वर्ष पीछे धकेल दिया गया है।
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