... खबर पत्रवार्ता : मुख्यमंत्री निवास में हरेली तिहार का पारंपरिक आयोजन: किसानों की खुशहाली और प्रकृति के प्रति आभार का प्रतीक।

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खबर पत्रवार्ता : मुख्यमंत्री निवास में हरेली तिहार का पारंपरिक आयोजन: किसानों की खुशहाली और प्रकृति के प्रति आभार का प्रतीक।

 

रायपुर, टीम पत्रवार्ता, 24 जुलाई 2025

छत्तीसगढ़ की पारंपरिक संस्कृति और कृषिप्रधान जीवनशैली का जीवंत उत्सव हरेली तिहार आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में पूरे उल्लास और गरिमा के साथ मनाया गया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अगुवाई में आयोजित इस पर्व में ग्रामीण परिवेश, पारंपरिक सजावट और लोक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बीच छत्तीसगढ़ की माटी की खुशबू बिखरी रही।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा—

"छत्तीसगढ़ की संस्कृति में सजीव और निर्जीव सभी के प्रति सम्मान और आभार की भावना निहित है। हरेली तिहार केवल खेती-किसानी का पर्व नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का उत्सव है।"

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की खुशहाली और समृद्धि को अपना मुख्य ध्येय मानती है। 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी और 21 क्विंटल प्रति एकड़ सीमा तय कर किसानों को लाभ पहुंचाया गया है। यह सरकार का ऐतिहासिक और किसान हितैषी निर्णय है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध है। इसके लिए एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है और राज्य से भ्रष्टाचार के उन्मूलन हेतु निरंतर प्रयास जारी हैं।

डॉ. रमन सिंह ने की मुख्यमंत्री की सराहना

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने हरेली पर्व पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा और किसान जीवन का यह पर्व प्रकृति, कृषि और पशुधन से जुड़े हमारे जीवन-मूल्यों की पुनः स्मृति कराता है।

उन्होंने कहा—

 "ऐसा विश्वास है कि हरेली के दिन भगवान शिव और माता पार्वती स्वयं धरती पर आकर किसानों के बीच उपस्थित होते हैं और उनके खेतों का निरीक्षण करते हैं। यही कारण है कि किसान इस दिन अपने हल-बैल और कृषि यंत्रों की पूजा करते हैं।"

डॉ. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों को अब तक 90 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से दी जा चुकी है। यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री घोषणाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि धरातल पर किसानों के श्रम को उसका वास्तविक मूल्य दे रहे हैं।

कार्यक्रम में रही जनप्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, श्री विजय शर्मा, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े सहित विधायकगण, निगम-मंडल-आयोगों के अध्यक्षगण, विभिन्न जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री निवास परिसर को छत्तीसगढ़ी ग्रामीण परिवेश में सजाया गया था। पारंपरिक कृषि यंत्रों, लोक नृत्य राउत नाचा और आदिवासी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने इस आयोजन को और भी रंगीन और जीवंत बना दिया।

यह आयोजन न केवल छत्तीसगढ़ की परंपराओं को संजोने का प्रयास था, बल्कि किसानों और प्रकृति के प्रति राज्य की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता का संदेश भी था।

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