... ब्रेकिंग पत्रवार्ता : अब बगीचा में "कुदरगढ़ी" के दुसरे "प्लांट" की तैयारी,ग्राम सभा में ग्रामीणों ने कहा "नहीं देंगे NOC",लगभग 15 एकड़ में अब कम्पनी लगाएगी "इथेनॉल प्लांट",ग्राम पंचायत से कम्पनी ने माँगा अनापत्ति ....

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ब्रेकिंग पत्रवार्ता : अब बगीचा में "कुदरगढ़ी" के दुसरे "प्लांट" की तैयारी,ग्राम सभा में ग्रामीणों ने कहा "नहीं देंगे NOC",लगभग 15 एकड़ में अब कम्पनी लगाएगी "इथेनॉल प्लांट",ग्राम पंचायत से कम्पनी ने माँगा अनापत्ति ....

 


जशपुर,टीम पत्रवार्ता,15 अगस्त 2021

BY योगेश थवाईत 

जिले में कुदरगढ़ी एनर्जी एण्ड इस्पात प्राईवेट लिमिटेड द्वारा टांगरगाँव में स्थापित किये जा रहे स्टील प्लांट का विरोध अभी थमा नहीं कि बगीचा के सरडीह में अब माँ कुदरगढ़ी बायोफ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी के द्वारा इथेनॉल प्लांट की स्थापना के लिए ग्राम पंचायत से अनापत्ति मांगे जाने के बाद ग्रामीणों ने इसका भी विरोध करना शुरू कर दिया है।

ग्राम पंचायत सरडीह से मिली जानकारी के अनुसार यहाँ पदस्थ सचिव ईश्वर प्रसाद यादव ने बताया कि माँ कुदरगढ़ी बायोफ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर दिनेश गोयल,रायपुर के द्वारा विधिवत आवेदन कर अनाज आधारित इथेनॉल प्लांट की स्थापना के लिए ग्राम सभा से पंचायत प्रस्ताव व अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) की मांग की गई थी। 

जिसमें उल्लेखित है कि आवेदक फर्म सरडीह ग्राम की अपनी निजी भूमि खसरा नंबर 1190/2,1190/3,1190/4 रकबा क्रमश:-2.023, 2.023,2.023 कुल रकबा 6.069 हेक्टर पर मक्का चावल एवं अन्य अनाज पर आधारित इथेनॉल (ethanol) प्लांट स्थापित करना चाहता है।जिसके लिए ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर अनापति (NOC) प्रमाण पत्र की मांग कम्पनी द्वारा की गई है।

ग्राम पंचायत सरडीह के सचिव ईश्वर प्रसाद यादव ने बताया कि सरपंच स्वाति तिर्की की उपस्थिति में पिछले 5 अगस्त को सरडीह में ग्राम सभा का आयोजन किया गया था जिसमें ग्रामीणों द्वारा उक्त प्लांट की स्थापना के लिए असहमति दर्ज कराने के कारण पंचायत द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान नहीं किया गया।

उल्लेखनीय है कि जिले में लगातार स्टील प्लांट का विरोध हो रहा है वहीँ बगीचा के सरडीह में इथेनॉल प्लांट की स्थापना को लेकर ग्रामीण काफी डरे हुए हैं।उन्होंने साफ़ शब्दों में कह दिया है कि उन्हें यहाँ कोई उद्योग कारखाना नहीं चाहिए।

क्या है इथेनॉल

अगर आसान शब्दों में कहें तो इथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जाता है।इथेनॉल का उत्पादन वैसे तो गन्ने से होता है पर तकनीकों के जानकार अब मक्के,गेंहूँ चावल व अन्य अनाजों को सड़ाकर भी इथेनॉल का उत्पादन कर रहे हैं।पेट्रोल की जलनशीलता बढ़ाने के लिए उसमें एथनॉल डाला जाता है। हरियाणा में पेट्रोल में 5 प्रतिशत एथनॉल बनाने की अनुमति है, वहीं उत्तर प्रदेश में 10 प्रतिशत। एथनॉल मिलाने पर पेट्रोल में आक्टेन वैल्यू 2.5 प्रतिशत तथा ऑक्सीजन की क्षमता 3 प्रतिशत बढ़ जाती है। इससे पेट्रोल इंजन में 100 प्रतिशत जलता है तथा निकलने वाला धुआं भी कम प्रदूषण करता है। 

किसानों को भी होगा फायदा

एथेनॉल का इस्तेमाल बढ़ने से किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।क्योंकि एथेनॉल गन्ने, मक्का और कई दूसरी फसलों से बनाया जाता है।मक्का,गन्ना समेत अन्य उत्पादकों को कमाई का एक नया जरिया मिलेगा जिससे वो अपनी स्थिति को और मजबूत बना सकते हैं।हांलाकि यहाँ ग्रामीण इस प्लांट की स्थापना के पहले ही इसका विरोध कर रहे हैं।उनका कहना है कि वे अपनी खेती से खुश हैं और उन्हें यहाँ कोई प्लांट नहीं चाहिए।फिलहाल कम्पनी का प्रयास है कि उसे एनओसी मिल जाए ताकि जल्द उक्त प्लांट को शुरू किया जा सके।



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