... सरोकार : "महामाया पहाड़" पर रोहिंग्या की राजनीति,भूमाफियाओं समेत दोषियों पर कार्यवाही की मांग,जन अधिकार परिषद की शिकायत पर हो रही जाँच,अवैध अतिक्रमण पर राजनैतिक सह का आरोप ....

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सरोकार : "महामाया पहाड़" पर रोहिंग्या की राजनीति,भूमाफियाओं समेत दोषियों पर कार्यवाही की मांग,जन अधिकार परिषद की शिकायत पर हो रही जाँच,अवैध अतिक्रमण पर राजनैतिक सह का आरोप ....

 


अंबिकापुर,टीम पत्रवार्ता, 16 जुलाई  2021       

भारत देश के छत्तीसगढ़ सरगुजा जिले अंबिकापुर मे स्वच्छता के नाम पर अपना स्थान रखता है वहीं दूसरी तरफ अंबिकापुर के महामाया मंदिर की पहाड़ियों पर वृक्ष काटे जा रहे हैं पहाड़ खोदकर भूमि पर कब्जा किया जा रहा है राजस्व नजूल और वन भूमि पर लगातार लोग अवैध कब्जा कर रहे हैं यहाँ तक कि   वन भूमि अधिकार पट्टा प्राप्त कर विक्रय कर दिया गया इसी तरह राजस्व और नजूल की भूमि भी कब्जे के आधार पर ही जमीन की खरीद बिक्री कर गोरख धन्धा चला रखें हैं ।

जन अधिकार परिषद छत्तीसगढ़ के शिकायत के आधार पर उच्च प्रशासनिक अधिकारी (आईएएस) की अध्यक्षता में राजस्व, नगर निगम,भू अभिलेख ,वन विभाग के अधिकारियों की जांच दल का गठन कर जांच प्रारंभ कर दिया गया जिसका स्वागत कर,नगरवासी, प्रबुद्ध जन ,प्रकृति प्रेमी ,पर्यावरण और पहाड़ को बचाने अपना समर्थन दे रहें हैं ।

जन अधिकार परिषद के संयोजक त्रिभुवन सिंह बताते हैं कि एक तरफ महामाया पहाड़ी और खैरवार के आसपास जंगलों को बचाने की बात है वहीं दूसरी तरफ राजनैतिक विचारधारा के साथ लोग महामाया पहाड़ के संरक्षण के मुद्दे में सनसनीखेज़ ढंग से रोहिंग्या शरणार्थियों को जोड़कर कथित नेताओं ने अपनी मंशा को उजागर कर दिया है। रोहिंग्या का मुद्दा उठाकर अवैध कब्जे की कार्रवाई को भटका कर एक बार फिर राजनैतिक रंग देना चाहते हैं। 

पहाड़ियों पर अवैध कब्जा किसके संरक्षण में किया जा रहा है नगरवासियों को बताने की जरूरत नहीं लोग अवैध कृत्यों को प्रश्रय दे मसीहा बन बैठे हैं। ऐसे लोगों को शहर की जनता भली भाति जान चुकी है वह चाहे सत्ता पक्ष के हों या विपक्ष के समय आने पर जनता उनको माकूल जवाब देगी महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण करने वाले और कराने वाले भू माफियाओं को और उनको संरक्षण देने वाले सफेद पोश को जनता अब बर्दाश्त नहीं करेगी इसके परिणाम भी दिखने लगे हैं चाहे वह कोई भी हो पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है और नगर के समीप अराजक वातावरण बनाने में सहयोग कर रहा है ।

ऐसे सभी लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए जो जंगल काट कर ,वन भूमि अधिकार पट्टा को विक्रय कर और पहाड़ खोद कर उस पर अवैध कब्जा कर जैव विविधता को नुकसान पहुंचाया है और पर्यावरण को नष्ट किया है अपराध की श्रेणी में आता है ।

जन अधिकार परिषद इस पूरे घटनाक्रम पर यह स्पष्ट रूप से कहना चाहती है कि पर्यावरण, वन और महामाया पहाड़ को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाए और इस उपक्रम में बेघर हो रहे लोगों को शासकीय नियमानुसार रहने की जगह दी जाए ।

जन अधिकार परिषद द्वारा सभी नागरिकों से, सामाजिक संस्थाओं ,स्वैक्षिक संगठनो,सभी सेवा निवृत्त अधिकारियों और प्रशासनिक  सहयोग प्राप्त कर महामाया पहाड़ पर फिर से हरियाली लाने बड़े पैमाने पर हजारों वृक्षों का रोपण कर महामाया पहाड़ पर हरियाली लाने अभियान के तहत पहाड़ और पर्यावरण का संरक्षण करेंगे।

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