जांजगीर,टीम पत्रवार्ता,14 मई 2021
BY प्रशांत सिंह
कोरोना से लड़ाई के लिए छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को अपन एक साल का वेतन देने वाले पुलिस आरक्षक पुष्पराज सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में लाश मिली है।परिजन कई गंभीर आरोप लगाते हुए सीबीआई जाँच की मांग कर रहे हैं।
मामला है जांजगीर जिला मुख्यालय का जहाँ केरा रोड में पुलिस आरक्षक की लाश मिली है। मृतक आरक्षक का नाम पुष्पराज सिंह है।जिसका आरक्षक क्रमांक 182 है।जो सक्ती थाने में पदस्थ था।पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार घटना देर रात की है।जहां शराब दुकान में तैनात गार्ड ने मामले की सूचना पुलिस को दी की एक व्यक्ति बिजली के तार से उलझ कर सड़क पर गिरा पड़ा है और उसकी स्कूटी भी बगल में पड़ी हुई है।
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची तब तक आरक्षक की मौत हो चुकी थी।मृतक पुष्पराज सिंह की ड्यूटी मुलजिम पेशी के लिए सक्ती थाने में लगाई गई थी और वह जांजगीर से सक्ती प्रतिदिन आना जाना करता था।
मौत से पहले मिली थी धमकी
पुष्पराज साहू ने एक दिन पहले अपने फेसबुक पर एक पोस्ट किया था। इसमें उसने लिखा था कि उसे बर्खास्त करने या सस्पेंड करने की धमकी मिल रही है। पुष्पराज लगातार, पुलिस वालों से पुलिस लाइन में मजदूरों की तरह काम करवाने, खराब क्वालिटी के बुलेट प्रूफ जैकेट, नक्सल मामले पर पुलिस और सरकार की नीतियों पर खुलकर खिलाफत करते रहे हैं।
घर वाले बोले ये- प्लांड मर्डर है
पुष्पराज के भाई ने हादसे की जगह का मुआयना किया। मीडिया से उसने कहा कि उसके भाई की हत्या की गई है। दरअसल आए दिन सोशल मीडिया पर पुष्पराज पुलिस विभाग के अफसरों यहां तक की गृहमंत्री के खिलाफ भी बातें लिखकर पोस्ट करता रहा है। उसने हाल ही में सक्ती थाने के प्रभारी के खिलाफ पोस्ट की थी, उसमें लिखा था कि 1 लाख रुपए महीना घूस लेकर इंस्पेक्टर जुए के अड्डे चलवाता है। अब ये पोस्ट पुष्पराज के फेसबुक पर नहीं दिख रही। पुष्पराज के परिवार के लोगों ने इसी तरह के विवाद को उसकी हत्या की वजह बताया और अंदेशा जताया है कि किसी ने इसी वजह से नाराज होकर पुष्पराज की हत्या कर दी।
तीन बार हुआ बर्खास्त, हर बार मिली जॉइनिंग
पुलिस सूत्रों की मानें तो छत्तीसगढ़ के इतिहास में ऐसा पहला मामला है कि किसी आरक्षक को तीन बार बर्खास्त किया गया हो और तीनों बार इसे जॉइनिंग दे दी गई हो। अक्टूबर 2019 में पुष्पराज पर इल्जाम लगा था कि इसने पुलिस आंदोलन को हवा दी। इसके बाद एक बड़े गांजा तस्कर से 60 हजार रुपए लेकर उसे छोड़ने, 109 दिन तक ड्यूटी में अनुपस्थित रहने, एसपी से बहस करने के मामले में पुष्पराज को बर्खास्त किया जा चुका है। मगर हर बार विभागीय जांच और सरकारी नौकरी के नियमों के जरिए पुष्पराज के खाते में दोबारा बहाली आई। इस वक्त वो सक्ती थाने में पोस्टेड था।
जांजगीर पुलिस के द्वारा मामले की जांच की जा रही है।अपने एक साल का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने के बाद मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने आरक्षक पुष्पराज सिंह के नेक कार्य की जम कर प्रशंसा की थी । अब आरक्षक के परिजन पुष्पराज की मौत को लेकर आशंका जाहिर करते हुए उच्च अधिकारियों से जांच की मांग कर रहे है।
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