जशपुर,पत्रवार्ता 23 अगस्त 2019
गरुवार की शाम कुनकुरी नगर के युवा तापस शर्मा की रायपुर के एम्स अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। जिससे पूरे नगर में शोक का माहौल है।बताया जा रहा है कि तापस के शरीर में HLH वायरस का संक्रमण था जिसका ईलाज पिछले 20-25 दिनों से रायपुर में चल रहा था।
करीबी रहे अमन शर्मा ने बताया कि तापस के माता पिता का भी देहावसान पहले हो चुका है। तापस के पिता स्वर्गीय हीरालाल शर्मा भी कैंसर से पीड़ित थे। घर के चिराग तापस के असामयिक निधन से पूरा शहर स्तब्ध है। घर में अब केवल बड़े भाई पारस शर्मा हैं।मृतक तापस गिनाबहर के मिशन संस्था में पीटीआई शिक्षक के पद पर पदस्थ था।नगर के युवाओं में तापस की मौत से शोक का माहौल है।
शुक्रवार को मृतक तापस का पार्थिव देह कुनकुरी पंहुचा जिसके बाद पुरे विधि विधान के साथ स्थानीय मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया। नगरवासियों ने मिलकर नम आँखों से तापस को अंतिम विदाई दी।
क्या है HLH वायरस
मेडिकल कॉलेज के माइक्रो बायोलाजी डिपार्टमेंट के एचओडी राकेश कुमार ने बताया कि HLH का मतलब हेमोफैगोसिटिक लिम्फो हिस्टोसाइटोसिस है जिसे संक्षिप्त में एचएलएच भी कहा जाता है।उन्होंने बताया कि डेंगू,स्वाईंन फ्लू जैसे वायरस से यह बिलकुल अलग है।चिकित्सकीय रुप से देखें तो यह रोग प्रतिरक्षा कमी विकार है।इस तरह के विकार में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने वाले सेल्स भी नष्ट होने लगते जिसके कारण शरीर में नए नए विकार पैदा होने लगते हैं।
शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा प्रभावित होने लगता है और शरीर में फैलते संक्रमण से वह लड़ने में अक्षम हो जाता है। नतीजतन,एचएलएच वाले व्यक्ति को बार-बार संक्रमण हो सकता है जो आम तौर पर अधिक गंभीर होते हैं और सामान्य से अधिक लंबे होते हैं।
एचएलएच के साथ कुछ सफेद रक्त कोशिकाएं (टी लिम्फोसाइट्स और मैक्रोफेज),त्वचा,प्लीहा और यकृत सहित अंगों को प्रभावित करती हैं फिर ये कोशिकाएं अन्य रक्त कोशिकाओं जैसे लाल रक्त कोशिकाओं, प्लेटलेट्स और न्यूट्रोफिल को नष्ट कर देती हैं।जिससे पूरा सिस्टम धीरे धीरे काम करना बंद कर देता है और मरीज की मृत्यु हो जाती है।
अनुवांशिक बीमारी का प्रभाव
चिकित्सक बताते हैं कि कई मामलों में यह देखा गया है कि इस प्रकार के रोग अनुवांशिक होते हैं।सामान्यतः कुछ लोगों को ही ऐसी बीमारी होती है।एचएलएच की जाँच की सुविधा प्रदेश के अस्पतालों में है।इसकी जाँच साधारण लैब में नहीं की जा सकती।
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