बिलासपुर 07अगस्त2019 (पत्रवार्ता) वन विभाग ने हाईकोर्ट को बताया है कि भोरमदेव अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व फारेस्ट बनाने के लिए वाइल्ड लाइफ बोर्ड से निर्देश मिलने का इंतजार है। इस पर कोर्ट ने शासन को जवाब प्रस्तुत करने चार सप्ताह का समय दिया है।
दरअसल रायपुर निवासी नितिन सिंघवी ने राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण से अनुमति मिलने के बाद भी भोरमदेव अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व फारेस्ट नहीं बनाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि भोरमदेव अभ्यारण्य कान्हा टाइगर रिजर्व से लगा हुआ है। इस जंगल में बाघ आते-जाते हैं। क्षेत्र में बाघ को संरक्षण दिया जाना है। हाईकोर्ट ने शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। पिछली सुनवाई में शासन की ओर से जवाब प्रस्तुत कर कहा गया कि जंगल के अंदर बैगा समुदाय व वनवासी रहते हैं। इनका पुनर्वास किया जाना है। इनके पुनर्वास को लेकर ग्राम सभा में प्रस्ताव लाया गया था। ग्राम सभा ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इसलिए बाधाएं आ रही हैं।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की मंजूरी के बाद टाइगर रिजर्व को रद्द नहीं किया जा सकता है। इस पर कोर्ट ने शासन को जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।
याचिका पर चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की डीबी में सुनवाई हुई। इस दौरान वन विभाग की ओर से कहा गया कि भोरमदेव अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व फारेस्ट बनाने वाइल्ड लाइफ बोर्ड से निर्देश मांगा गया है। इस पर कोर्ट ने शासन को जवाब पेश करने चार सप्ताह का समय दिया है।
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