बिलासपुर 07अगस्त2019(पत्रवार्ता) हाईकोर्ट ने प्रदेश के जेलों में भीड़ व मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर पेश जनहित याचिका में शासन के जवाब पर नाराजगी व्यक्त की है। कोर्ट ने 4 सप्ताह के अंदर हलफनामा के साथ नया जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
बिलासपुर निवासी शिवराज सिंह ने प्रदेश के जेलों में क्षमता से कई गुना अधिक बंदी रखने, बंदियों को मूलभूत सुविधा नहीं मिलने, महिला बंदियों के लिए प्रसाधन व बाथरूम तक नहीं होने, जेल में मानवाधिकारों का उल्लंघन होने को लेकर वर्ष 2013 में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। पिछली सुनवाई में शासन की ओर से बताया गया कि प्रदेश में 3 नए जेल बनाए जाएंगे। इसमें रायपुर, बिलासपुर व बेमेतरा में खुली जेल बनाने की जानकारी दी थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि शासन का इस गंभीर समस्या पर सिर्फ कागज में प्लान है। इस पर जवाब मांगा था।
मामले में चीफ जस्टिस पी आर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की डीबी में सुनवाई हुई। इस दौरान शासन की ओर से बताया गया कि 3 स्थान में नए जेल बनाने के लिए 15 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। बिलासपुर में जेल के लिए आवंटित भूमि में ग्रामीणों का कब्जा होने पर उन्हें बेदखल करने की कार्रवाई की जा रही है। इस पर न्यायमित्र रणवीर सिंह मनहास ने आपत्ति की। इसमें बताया गया कि 370 करोड रुपए की लागत से तीन नए जेल बनाये जाने हैं। वहीं सरकार ने सिर्फ 15 करोड़ आवंटित किए हैं। ऐसे में जेल का निर्माण कब और कैसे पूरा होगा, इसका जवाब नहीं दिया गया है।
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