बिलासपुर(पत्रवार्ता) प्रदेश में अवैध नर्सिंग होम की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है जिसमें एक छात्र की मौत हो गई है।छात्र को सर्दी,खांसी और बुखार की परेशानी थी जिसका ईलाज निजी नर्सिंग होम में कराया गया।यहाँ चिकित्सकों ने उसे मष्तिष्क ज्वर होंने की बात कही और ईलाज करना शुरु कर दिया।परिजनों के मुताबिक ईलाज में ऐसी लापरवाही बरती गई कि मासूम पियूष की मौत हो गई।परिजनों ने अवैध रुप से संचालित निजी नर्सिंग होम के चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
मामला है बिलासपुर के पेंड्रा का जहाँ धोबहर गांव के रहने वाले 14 वर्षीय पियूष गुप्ता पिछले 3 दिनों से सर्दी खांसी व बुखार से पीड़ित था। परिजन उसे बेहतर इलाज के लिए अनजाने में पेंड्रा के नया बस स्टैंड स्थित तिवारी नर्सिंग होम ले गए जहां निजी नर्सिंग होम के डॉक्टरों ने छात्र को मस्तिष्क ज्वर व लीवर में गंभीर समस्या होना बताया।यहाँ के चिकित्सकों ने छात्र को निजी नर्सिंग होम में भर्ती कर इलाज करना शुरू कर दिया और लगातार तीन से चार ग्लूकोज आईवी बॉटल भी चढ़ाया गया इसके बावजूद छात्र की तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ अंततः इलाज के दौरान ही छात्र की मौत हो गई।
छात्र की मौत के बाद तिवारी नर्सिंग होम प्रबंधन ने आनन-फानन में छात्र के इलाज से संबंधित रिपोर्ट गायब कर दी वहीँ कोरे कागज में परिजनों से दस्खत करवाने की कोशिश करने लगे।परिजनों ने ऐसा कुछ नही किया जिसके बाद प्रबंधन ने छात्र के शव को अस्पताल से जल्द ले जाने का दबाव परिजनों पर बनाने लगे।जिससे परिजन भड़क गए और अस्पताल में हंगामा करने लगे।
परिजनों का कहना है कि पियूष गुप्ता को तीन दिन पहले सर्दी ,खांसी और बुखार की शिकायत थी जिसके बाद परिजनों के साथ पीयूष 1 किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य मार्ग पहुंचा था जहाँ से ऑटो की मदद से उसे तिवारी नर्सिंग होम ले जाया गया था। जब नर्सिंग होम में भर्ती किया गया तो पीयूष की हालत इतनी खराब नहीं थी कि उसकी मौत हो जाए।
परिजनों ने बताया कि डॉक्टरों की इलाज में लापरवाही बरतने की वजह से छात्र पीयूष की मौत हो गयी। पीयूष अपने घर मे तीन बहनों के बाद अकेला भाई था पीयूष के पिता का भी स्वास्थ्य ठीक नही रहता ऐसे में पूरे परिवार पर अब मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है।
वही पीयूष की मौत के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल है।वहीँ स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ ने निजी नर्सिंग होम में छात्र की मौत की जानकारी उच्च अधिकारियों को देते हुए परिजनों की शिकायत पर अग्रिम कार्यवाही करने की बात कही है।
फिलहाल प्रदेश की संवेदनशील सरकार छत्तीसगढ़ में चल रहे अवैध नर्सिंग होम के खिलाफ कोई कड़े कदम नहीं उठा रही है जिसके कारण अवैध नर्सिंग होम संचालित करने वालों का हौसला बुलंद है जो प्रतिदिन लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं ।
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